मेधा जब भी मुखरित होगी निजता का सन्दर्भ हटेगा, चेतन जब भी जागृत होगा अंतर्मन का क्लेश घटेगा, सुरभित होगा मन का स्वर मन से जन के मीत बनेंगें आशाओं के दीप जलेंगे। मन का कलुष भगायें यदि हम क्षमाशीलता   तब       जागेगी, सहिष्णुता की अलख जगेगी […]

मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी मटकी फोड़े माखन ले कई नाम तेरे बनवारी। मुरलीधुन सुनकर मोहित गाय गोप नर नारी ।। मोहनि तेरी सूरत पै सौ सौ अनंग बलिहारी। मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी। रक्षक शरणागत के हो कुछ कृपा करो गिरधारी।। विश्व गुरु बन बैठे जब गीता […]

यूँ रहना जहां में है दुश्कर  अकेले, न अर्थी उठे है न छप्पर अकेले। जो तन्हाइयों से मुहब्बत है कर ली, है लगता नही अब मुझे डर अकेले। समां गुफ्तगू का बनाते चलो जी, जो चलना हो लंबे सफ़र पर अकेले। हमें करके महनत है कल अपना लिखना, न कुछ कर […]

फ़ोन पे मेरा हाल पूछता, हाल क्या तुझे सुनाऊँ मैं। पास मेरे आ बैठ जरा तू, खोल के दिल बतलाऊँ मैं॥ भूल गया तू दिन क्या अपने, साथ जो हमने बिताए थे साज-बाज वो गीत कहाँ है, साथ जो हमने गाए थे। हाथ में लेकर हाथ बैठ तू, गीत पुराने […]

मैं औरत हूँ, एक नहीं,दो घर बनाती हूँ। एक घर में बेटी बनकर, मान बढ़ाती हूँ। दूसरे घर में बहू बनकर, कुलदीपक जलाती हूँ। मैं औरत हूँ… एक बार नहीं, दो बार जन्म लेती हूँ। एक अपने माँ-बाबुल के दामन, दूसरा सास-ससुर के आंचल। एक रिश्ते निभाने हमें नही आते […]

यूं बिगड़ी है दुनिया की चाल देखिए। क्यों इंसा यहाँ है बेहाल देखिए॥ इनके पापा बेचारे हैं जेल में पड़े। और बेटी है घूमे नेपाल देखिए॥ ये भगवा पहन के हैं करते कुकर्म। सारी काली है इनकी ये दाल देखिए॥ सफ़ेदी है बेटों के बालों चढ़ी। पिताजी कर काले हैं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।