दो विपरीत दिशाओं में खींच मन खेलता है कशमकश का खेल. तुम तो, मुझमें समाये हो यह शाश्वत् सत्य बड़ी शांति देता है शक्ति प्रदान करता है कुछ भी कर बैठने का साहस प्रदान करता है रह गये थे जो अधूरे सुकर्म समय के आभाव में उन्हें पूरा करने की […]

मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता का. भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा है. भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता का. भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा है. भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता काl भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है, अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा हैl भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

मोहन बाबू और रमेश बाबू गाँव के सबसे बड़े जमींदार कहलाते थे,जमींदारी प्रथा तो समाप्त हो गई थी लेकिन जिसकी ज्यादा जमीन होती थी, वो जमींदार ही कहलाते थे। दोनों में दोस्ती थी,एक दूसरे में अटूट प्रेम था । मोहन बाबू चार बेटियों के पिता थे, इसलिए उनको ये चिंता […]

आज रमेश अपनी पूरी पढ़ाई करके अपना घर पहुँच गया था,उसे ऩौकरी की चिंता थी। उसके साथ बहुत सारे दोस्त थे जो बेरोजगार ही थे। ये लोग एकसाथ बैठते और जिन्दगी के ताने-बाने बुनते थे। रमेश भी कभी आशा-कभी निराशा के बीच अपने आप को पाता। सभी दोस्त अखबार के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।