कृषकों, मजदूरों और आमजनों की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ आम आदमी की तरह सहज, सरल-शैली, व्यक्तित्व और जन-रागात्मकता से युक्त ठेठ देशी अंदाज में अपनी बात रखने वाले गौरीशंकर बिसेन का बचपन से ही गांव की माटी व शहरों की गलियों से गहरा नाता रहा। शोषित, वंचित और पीड़ितों […]

परमवीर राजा भोज का स्मरण होते ही सत्य, साहस, ज्ञान, कौशल और जलाभिंषेक का बोध होने लगता हैं। सम्यक् कालजयी बनकर भूतो न भविष्यति, राजा भोज यथा दूजा राजा की मीमांसा में राजा-महाराजाओं के देश में राजा भोज राजाओं के राजा कहलाएं। इनके राज में प्रजा को सच्चा न्याय और […]

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘गठ’ से निकला एक स्वयंसेवक भाजपा का विस्तारित ‘गठन’ भी करेगा और सरकार के मुख्य दल का अध्यक्ष होने के नाते ‘गठबंधन’ धर्म का पालन भी करेगा। इस बात का साक्षी आने वाला समय बनेगा। यह भविष्यवाणी अब चरितार्थ हो गई जब जगत प्रकाश नड्डा विश्व […]

आखिरकार! सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सबसे ऐतिहासिक, मौलिक, महत्वपूर्ण, बड़े और प्राचीन अयोध्या विवाद का सर्वोच्च न्याय कर दिया। जो भारतीय न्यायपालिका के इतिहास और आमजन के मानस पटल में युगे-युगिन स्वर्ण अक्षरों में अमिट रहेगा। दिव्य न्याय में किसी की हार है ना जीत, फैसला है समुचित और […]

अन्न खाये मन भर छोड़ेना कन भर। अब मंदातों के कारण उलट अन्न खाये कन भर छोड़ो मन भर हो गया। विभीषिका, कोई खां-खां के मरता है तो भूख रहकर यह दंतकथा प्रचलित होने के साथ फलीभूत भी है। ये दोनों ही हालात में भूख को लाइलाज बीमारी बनाने में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।