इक मुहब्बत भरी डगर रखिए, दिल का आबाद नगर रखिए l  कट नहीं सकता है सफ़र तन्हा, जीस्त का कोई हमसफ़र रखिए l  क्यूं इनायत है बस परायों पर, मेरी जानिब भी तो नज़र रखिए l  जानिए क्या अगल-बगल हो रहा, ऐसे मत खुद  को बेख़बर रखिए l  डर के […]

हर एक बात तुम्हारी अदा-सी लगती है। तुम्हारे बिन ये मोहब्बत सज़ा- सी लगती है॥ तुम्हारी ज़ुल्फ़ जो बिखरे घटा- सी लगती है। समेट लो जो इसे ये कज़ा-सी लगती है॥ रहा है मेरी मां का साया, इसलिए हर पल। हर एक बद्दुआ मुझको दुआ- सी लगती है॥ कहाँ है चैन उसे,फिर […]

सोए  अरमाँ  मैं यूँ  जगाती हूँ, गीत   चाहत  के  गुनगुनाती हूँ l तीरगी   का  न  राज  हो  जाए, मैं   दीये    इसलिए  जलाती हूँ l अपनी आँखों  के इन दरीचों में, कितने ख्वाबों को मैं सजाती हूँ l तेरी  यादों   में   तेरे  ख्वाबों  में, इक-इक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।