इक मुहब्बत भरी डगर रखिए, दिल का आबाद नगर रखिए l  कट नहीं सकता है सफ़र तन्हा, जीस्त का कोई हमसफ़र रखिए l  क्यूं इनायत है बस परायों पर, मेरी जानिब भी तो नज़र रखिए l  जानिए क्या अगल-बगल हो रहा, ऐसे मत खुद  को बेख़बर रखिए l  डर के […]

हर एक बात तुम्हारी अदा-सी लगती है। तुम्हारे बिन ये मोहब्बत सज़ा- सी लगती है॥ तुम्हारी ज़ुल्फ़ जो बिखरे घटा- सी लगती है। समेट लो जो इसे ये कज़ा-सी लगती है॥ रहा है मेरी मां का साया, इसलिए हर पल। हर एक बद्दुआ मुझको दुआ- सी लगती है॥ कहाँ है चैन उसे,फिर […]

सोए  अरमाँ  मैं यूँ  जगाती हूँ, गीत   चाहत  के  गुनगुनाती हूँ l तीरगी   का  न  राज  हो  जाए, मैं   दीये    इसलिए  जलाती हूँ l अपनी आँखों  के इन दरीचों में, कितने ख्वाबों को मैं सजाती हूँ l तेरी  यादों   में   तेरे  ख्वाबों  में, इक-इक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।