माँ, सुनता हूँ तुम सुंदर थी, पर देखी नही तुम्हारी सुंदरता.. सिवाय, हथेलियों पर उभर आई बर्तन के खुरदरेपन के , याधुँधुआते चौके से मूँदी तुम्हारी आँखों के। माँ, तुम गाती भी हो?.. कभी सुना नहीं तुम्हारा गाना, सिवाय लोरी के.. जो मुझे सुलाने के लिए गाती थी। माँ, तुम […]