श्राद्ध पक्ष में दे रहें आवाज क्यों नहीं आ रहें  कागराज । देख स्तब्ध है  आज मानव कागराज  क्यों  हुए नाराज ।। छीनी  आशियानों की सेज काटे स्वार्थ में  जंगल , पेड़ । ढूंढें न मिल रहें है कागराज न जाने चलें गए कौन-से देश ।। पितृतर्पण प्रतिनिधि कागराज स्मृति […]

खबरों में भी अच्छापन हो यह ध्यान रखना जरूरी है किसी की मानहानि न हो इतनी सावधानी जरूरी है जो सच है वह लिखो जरूर पर जिससे हालात बिगड़ते हो ऐसा सच भी गैर जरूरी है प्रेम भाव,शांति,सदभाव ये आभूषण हो मीडिया के समाज को आईना दिखाना राष्ट्र धर्म निभाना […]

जब भी मन व्याकुल हो करो प्रभु का ध्यान शांत चित हो जायेगा मिट जाएँगे  व्यवधान प्रभु याद बनाये रखने को तीर्थाटन है एक उपाय जाओ वहां जहां मिले शांति झंझावातों से मुक्ति पाओ लौकिक से अलौकिकता का सुखसार यही है प्यारे मन,वचन,कर्म से तुम प्रभुमय ही हो जाओ। #गोपाल […]

सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है माउंट आबू तीर्थ महान जो भी यहां प्रवास करता आत्म सुख मिलता उसे महान ब्रह्माकुमारी की तपस्या स्थली वाइब्रेशन पॉजिटिव फैलाती है हर किसी की तनाव मुक्ति का कारण ब्रह्माकुमारी बन जाती है शांत मन,सन्तुष्ट गुण,खुश चेहरा पहचान बनी है इन सबकी परमात्म याद मे […]

श्रद्धांजलि दिवंगत मित्र एस एस सैनी को क्या हुआ ,कैसे हुआ क्यो तुम चले गए कुछ तो बताया होता बिन बताये ही चले गए थे चेहते बहुतो के तुम फिर क्यो चले गए तुम्हारी भावुकता देखी तुम्हारा अपनत्व देखा लेखनी की ताकत देखी करुणा,दया का भाव देखा संघर्षो से जूझते […]

हर दिन को अच्छा मान करते रहो अच्छे काम कोई भी दिन बुरा नही संकल्प बुरा है बेकार अच्छा सोचो अच्छा बोलो अच्छा ही बन जाओगे स्वस्थ्य मन बुद्धि होगी सबके प्यारे हो जाओगे अच्छेपन से आगे बढ़कर जीवन लक्ष्य पा जाओगे। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।