साठ साल के मोतीचन्द,मुंह से शराब की बदबू फैलाते दुकान पर खड़े कहे जा रहे थे-मुझे शान्ति चाहिए! शान्ति!! तभी एक सिरफिरा आ टकराया। `क्या कीमत दोगे?` `कीमत!,कीमत में तो मैं अपनी बीबी तक दे सकता हूं।` मोतीचन्द ने जबाब दिया। इससे आगे […]
shashank
धर्म-अधर्म, द्रोही-भक्त कुछ न, नीति-कुनीति है। देश जिससे ग्रसित है, बस क्षुद्र राजनीति है….॥ नीला-हरा, सफ़ेद-भगवा नयनाभिराम, सबरंग है। स्याह-सा जो दिख रहा, इसका ही बदरंग है….॥ धर्म-संस्कृति-लोकाचार, हो रहे,वार पर वार ‘मत’ जुटाने का भला, ये कैसा प्रबंध है! दिखती राह,जुदा-सी इनकी, पर भीतर,गहरा सम्बन्ध है….॥ […]
भारत माता की है बिन्दी, मेरी प्यारी भाषा हिन्दी। मुझको बड़ा सुहाती है, हिंदी बहुत लुभाती है॥ मुहावरे,लोकोक्तियाँ, पद्य की सुन्दर पंक्तियाँ। रस-छंद,अलंकार से सच्चा श्रृंगार पाती है, हिन्दी बहुत लुभाती है॥ नाटक-एकांकी,निबंध-गद्य, कथा-कहानी,या हो पद्य। कल्पनाएं इस मन की, तुमसे परवान पाती है। हिन्दी बहुत लुभाती है॥ भारत माता […]
कौम-वाद,जाति-वाद, सम्प्रदाय-वाद,आरक्षण। जनता का यूँ, कर भक्षण, और कितनी,रोटी सेकोगे? सुन-सुन कान,पके हैं सबके, बोलो कब तक,यूँ फेंकोगे॥ ये असुरक्षित,वो गद्दार, कोई न वतन का,पहरेदार। आग लगाकर,अमन-चमन में, हाथ भला,कब तक सेकोगे? सुन-सुन कान,पके हैं सबके, बोलो कब तक,यूँ फेंकोगे॥ भले देश,नष्ट हो जाए, बस गद्दी इन्हें,मिल जाए। लोगों की […]