साठ साल के मोतीचन्द,मुंह से शराब की बदबू फैलाते दुकान पर खड़े कहे जा रहे थे-मुझे शान्ति चाहिए! शान्ति!!      तभी एक सिरफिरा आ टकराया।     `क्या कीमत दोगे?`      `कीमत!,कीमत में तो मैं अपनी बीबी तक दे सकता हूं।` मोतीचन्द ने जबाब दिया। इससे आगे […]

देश के एक राज्य में परिवारवादी दल को चुनाव के समय अपनी कुर्सी कैसे बचे,इसकी चिन्ता हुईl पहले परिवारिक बरतन यात्रा निकाली,परिणाम `ढाक के तीन पात`। आवाजें रात-दिन ठन-ठन-ठन। मन-मस्तिष्क पर बल पड़े। एकान्त में मिले,पटकथा लिखी। अगले दिन नाटक मंचित हुआ। एक ने एक समुदाय,दूसरे ने एक समूह को […]

नज़र भर न देखो, नज़र को नज़र से नज़र को नज़र की, नज़र लग न जाए। शहर में क़हर है, क़हर में शहर है ठहर जा शहर में, क़हर हो न जाए। ज़हर ही ज़हर को, ज़हर-सा है काटे ज़हर से ज़हर को, ज़हर हो न जाए। पहर दो पहर […]

धर्म-अधर्म, द्रोही-भक्त कुछ न, नीति-कुनीति है। देश जिससे ग्रसित है, बस क्षुद्र राजनीति है….॥ नीला-हरा, सफ़ेद-भगवा नयनाभिराम, सबरंग है। स्याह-सा जो दिख रहा, इसका ही बदरंग है….॥ धर्म-संस्कृति-लोकाचार, हो रहे,वार पर वार ‘मत’ जुटाने का भला, ये कैसा प्रबंध है! दिखती राह,जुदा-सी इनकी, पर भीतर,गहरा सम्बन्ध है….॥       […]

भारत माता की है बिन्दी, मेरी प्यारी भाषा हिन्दी। मुझको बड़ा सुहाती है, हिंदी बहुत लुभाती है॥ मुहावरे,लोकोक्तियाँ, पद्य की सुन्दर पंक्तियाँ। रस-छंद,अलंकार से सच्चा श्रृंगार पाती है, हिन्दी बहुत लुभाती है॥ नाटक-एकांकी,निबंध-गद्य, कथा-कहानी,या हो पद्य। कल्पनाएं इस मन की, तुमसे परवान पाती है। हिन्दी बहुत लुभाती है॥ भारत माता […]

कौम-वाद,जाति-वाद, सम्प्रदाय-वाद,आरक्षण। जनता का यूँ, कर भक्षण, और कितनी,रोटी सेकोगे? सुन-सुन कान,पके हैं सबके, बोलो कब तक,यूँ फेंकोगे॥ ये असुरक्षित,वो गद्दार, कोई न वतन का,पहरेदार। आग लगाकर,अमन-चमन में, हाथ भला,कब तक सेकोगे? सुन-सुन कान,पके हैं सबके, बोलो कब तक,यूँ फेंकोगे॥ भले देश,नष्ट हो जाए, बस गद्दी इन्हें,मिल जाए। लोगों की […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।