यूँ तो हर रोज कई चेहरों का, वखान होता है कोई एक होता है जिसका दिल में, स्थान होता है। नाजुक सा दिल बडा विशाल होता है दिल में बसने वालो का हर दर्द का आभास होता है यूँ तो हर रोज ▪▪▪▪▪▪▪▪ आँखो के रास्ते ही दिल के दरवाजे […]

तापस ऋषि सब तप करें,दम सम सह मन गोय। इस गर्मी में जल बिना,वे अति व्याकुल होंय।। स्वप्न पाल बैठी सिया,मन ही मन हर्षित होय। देख परशुराम का क्रोध,मन आशंकित होय।। मन मयूरी पंख संग,देखे कमल नयन जौहरी ताके बाट अब,गहना गुडिया के संग। ————– युद्ध —– खीचकर तलवार चलाया […]

मुरझाये चेहरे को हमेशा मुस्कान देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द पहचान लेती। जब कभी उदास हो जाऊँ माँ चुटकियों से हँसा देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द पहचान लेती। जब भी ठोकर खाऊँ फूक मारकर दर्द भगा देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द […]

एक होता था राजा पूरे व्रह्माण्ड पर भारी उनसे डरते थे दुष्ट दुराचारी। त्रस्त होते लोग भ्रष्ट होते लोग आधुनिकता की चादर में असभ्य होते लोग। पथ न मंजिल इधर-उधर भटकते लोग मान मर्यादा इज्जत प्रतिष्ठा से वेफिक्र होते लोग। वेहिसाब नफरतो का एक दूसरे पर तोहमतो का पग-पग लगा […]

बाहर निकलो घर से मतदान करते चलो अपने दम पर नये कर्मठ सरकार बनाते चलो। खूबसूरत लोकतंत्र का तुम ही निर्माता हो प्रगति के पथ का तुम ही मार्ग दर्शक लोकतंत्र के पावन पर्व में अपना कर्तव्य निभाते चलो। एक भी लोग न छुटने पाए ऐसा प्रेम दिखाते चलो अपने […]

वो तो ठहरा घूसखोर अपना वजूद रोज मिटाता चंद सिक्को की खातिर नैतिकता परे हटाता जाता। उसके लिए आर्दश धन बल धनबल के आगे नही जनबल वो ठहरा धन का पुजारी काम नही आता वहाँ आँसूबल क्योंकि वो ठहरा घूसखोर। कार्य अनेको होते मगर करता उसी का जो लगाते धन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।