पानी बिन जीवन नही जान लीजिए यथार्थ  पानी का जो अपव्यय करते मिलता नही उनको परमार्थ एक एक बूंद बचाना सीखो व्यर्थ पानी न बहाना,सीखो पौड़ी के युवाओं से सीखो पहाड़ पर जल संरक्षण सीखो बरसात अभी आने वाली बारिश के पानी को सहेजना सीखो शांत प्रवाह जल जीवन देता […]

सुभाष चंद्र बोस जी से  कौन न होगा परीचित जन्म हुआ 23 जनवरी 1897 को  उड़ीसा प्रांत के नगर कटक में पिता थे उनके  रायबहादुर जानकी नाथ बोस नगर पालिका और जिला  परिषद के थे वो प्रधान नामी गिरामी वकील व अंग्रेजो के भक्त थे ज्यादा  इच्छा थी बेटा आईसीएस […]

जब से मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में लोगों के मरने की समस्या खत्म हुई है, मानव जनित एक नई समस्या ने आकर समाज को घेर लिया है। मानव द्वारा मानव का बलात्कार। उम्र और लिंग को नजरअंदाज करते हुए बलात्कार। निजी और सार्वजनिक स्थलों पर बलात्कार। दुधमुहे बच्चों से लेकर […]

छोड़ दो मिथ्या दुनियां सार्थक जीवन के लिए। इससे बड़ा सत्य कुछ और हो सकता नहीं। चहात अगर प्रभुको पाने की हो । तो ये मार्ग से अच्छा कुछ और हो सकता नहीं।। छोंड़ दो…….।। मन में हो उमंग प्रभु को पाने की। करना पड़ेगा कठिन तपस्या तुम्हें। मिल जाएंगे […]

क्या सच में सच बोलूं सभी कहते हैं.. सच ही बोलो लेकिन सच्चाई यह है कि सच बोलने वाला झूठा हो जाता है सच में सच बोल दो तो बहुत बड़ा पंगा हो जाता है सच में दंगा हो जाता है जो समझता बड़ा अपने को वह सरेआम नंगा हो […]

बारिश का मौसम सुहाना अच्छा लगा उस पर ये दिल दीवाना अच्छा लगा गिरी  आसमान से पानी की  बूंदे कुदरत का ये नजराना अच्छा लगा तितलियां ये  पँछी ये  पर्वत  घटाएं धरती की गोद मे ठिकाना अच्छा लगा हरा भरा खेत खलियान पुलकित दिशाएं उस पर किसानों का मुस्कुराना अच्छा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।