प्रेम में क्रोध का  नही कोई स्थान प्रेम अगर करना है क्रोध का कीजिए त्याग प्रेम शांति का आभूषण प्रेम अपनत्व का मान प्रेम सहिष्णुता की खान प्रेम ह्रदय का रसखान प्रेम सद्गुणों का पोषक प्रेम अहिँसा का ध्योतक प्रेम एक संस्कार है मोह एक विकार है प्रेम प्रभु से […]

भाग्य के भरोसे रहो नही सद्कर्म से पीछे हटो नही जितना हो परिश्रम करो लक्ष्य पाने को संकल्प धरो मंजिल जरूर मिल जाएगी खुशियां साथ ले आएगी परमात्मा भी साथ होंगे सफलता की सौगात लेके बस सुख को गले लगाना है बुराइयों से मुक्त हो जाना है सफल जीवन की […]

इस शरीर से काहे प्रेम करे है यह मिट्टी है मिट्टी में मिल जाना है ऊपरी सुंदरता पर क्यो मरे है अंदर अस्थि,मज्जा और पखाना है शरीर तो रथ है उसमें बसी आत्मा का जिसको एक दिन चले जाना है फिर ईर्ष्या, द्वेष, घमण्ड काहे को ये सब तो पाप […]

सूर्य का उत्तरायण में आना बसन्त आगमन की आहट है प्रकति अपना आवरण बदलेगी नव सृजन का आभास है मन भी हर्षित तन भी हर्षित खुशनुमा मौसम का वास है ठिठुरन की होती विदाई सरसो के फूलो की सुगंध मिठास है पेड़,पौधो  का होता पतझड़ नई कोंपलों का सृजन आस […]

हिंदी साहित्य के गगन में हो गया है अरुणोदय अपभ्रंश अनूठी विधा में पुष्पनन्दन कृति गरिमामय जैन रामायण शोधवेता योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण को मिला अकादमी भाषा सम्मान हर्षित हुआ उत्तराखंड बढ़ गया जन जन का मान धन्य धन्य हे देवभूमि ओर धन्य है वह विद्या मां जिसने अपने पूण्य […]

किसी की प्रगति देखकर खुश हो जाना चाहिए उसकी उपलब्धियो के लिए  बधाई दिल से देनी चाहिए ईर्ष्या, द्वेष,जलन,निंदा प्रगति अपनी ही रोकती है अपनी स्थिति खराब करती दुसरो की नजर में गेरती है किसी की प्रगति से प्रेरित होकर जब हम आगे बढ़ते है खुशियां हमारी दोगुनी बढ़ती तरक़्क़ी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।