जगत के पालनहारी जय जय जय भोले भंडारी। ललाट चंद्र, जटा गंग मुख तेज, नेत्र त्रिअंग हाथ त्रिशूल डमरू मृगछाल पडे अंग। शरीर लगे भस्म साँप लेटे संग भूत पिशाच की यारी भांग धथूर लगे प्यारी ऐसे हैं भोले भंडारी। उनकी महिमा कोई न जाने पर सभी उन्ही को माने […]

कैसे कह दूँ अपने अंदर की बात। छंट रही है धीरे-धीरे काली रात।। परिश्रम कर खूब पसीना बहाया। किन्तु मैं बदला ना मेरी औकात।। राष्ट्रभक्ति हमेशा भारी राष्ट्रद्रोह पे। तभी उनपे होती कष्टमय बरसात।। भावुकता में बहते वे बाँके सपूत। वश में न रहते देशभक्त जज्बात।। त्याग देशभक्ति का दूसरा […]

जब जब भी धर्म की हानि होती जब जब भी धर्म की ग्लानि होती तब तब ही अंधकार छा जाता है धरा पर घोर कलियुग आ जाता है इसी कलियुग से मुक्ति दिलाने को हमें पतित से पावन बनाने को परमात्मा स्वयं धरा पर आते है हमे परिवर्तन की राह […]

तेरी यादों को अभी तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। की तुम लौटकर आओगे। अपने के साथ नहीं तो, परायें के साथ ही सही। तो आप की धरोहर, आप को सौप देंगे। और इस मतलबी दुनियाँ से, कुछ कहे बिना निकल लेंगे।। इसलिए कहता था तुमसे की, दिलके इतने करीब […]

पाक है तू…. उस नूर ए खुदाई सी यकीं रख…ख़ुद पर काबिल है तू.. आसमाँ की ऊंचाई सी राह में रखा कोई कंकर नहीं जो आया उसने उछाला श्रद्धा है तू मीरा की भक्ति सी यकीं रख….ख़ुद पर प्रीत है तू राधा के नाम सी प्रेम किया …रूह रूह बसा […]

मातृभाषा कोई भी हो,उसे बोलना व लिखना बेहद सहज होता है।चूंकि मेरी मातृभाषा हिंदी है ,जो मेरे लिए गौरव की बात है।सच पूछिए तो हिंदी को मात्र भारत की भाषा नही कह सकते।देवनागरी हिंदी भाषा मे अ, आ,इ, ई,ओ,उ,में जो स्वर गूंजते है वही स्वर नवजात शिशु के रुदन से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।