आज सुबह-सुबह एक घटना घट गयी बड़ी, गर्म करने रखे दूध की रबड़ी बन गयी । हुआ यूं कि सुबह के समय मैं क्लास में बैठा था, जहाँ बढ़ रही प्यास ने मुझे चारों ओर से ऐंठा था । अब बढ़ती हुयी प्यास, अंदर से इतनी बढ़ गयी थी कि […]

पहला दिन सेवा निवृति का कैसा रहा ? कहते है की जब इन्सान अपने कार्य से बिमुख हो जाता है तो उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योकि हम लोग करीब २५-२८ सालो तक काम या नौकरी जो करते है, तो जीवन की रफ़्तार लगभग एक सामन होती […]

जब लगातार नेतृत्व की अस्वीकार्यता उभर कर आ रही हो, जब सम्पूर्ण राजनैतिक हलके में साख गिरती नज़र आ रही हो, जब परिवार के कारण पार्टी की फजीहत हो रही हो, जब संगठन की विफलता मुँह बाहे खड़ी हो, जब सार्वभौमिक रूप से नकारा जा रहा हो, जब अपने ही […]

आज पानी के न आने से परेशान जनता को जब अपनी आँखों के सामने देखा तो लगा कि शायद अब ये कहना ज़रूरी है – पानी बिन जीवन नहीं, यह जीवन आधार । फिर भी क्यों समझे नहीं, जनता जल का सार ॥ जनता जल का सार, मान ले जल्दी […]

मोहब्बत सूरत से नहीं होती है। मोहब्बत तो दिल से होती है। सूरत खुद प्यारी लगने लगती है। कद्र जिनकी दिल में होती है।। मुझे आदत नहीं कही रुकने की। लेकिन जबसे तुम मुझे मिले हो। दिल कही और ठहरता नहीं है। दिल धड़कता है बस आपके लिए।। कितनो ने […]

जब होंगे हम तुम्हारे पास, तो कयामत निश्चित ही आएगी। धड़कने दो दिलो की थम जाएगी। जब होगा वहां चांदनी रात में , दो दिलो का प्यार भरा मिलन// दिल की यही खासियत होती है। जब वो मचलता या पिघलता है। तब दिनरात कुछ नहीं देखता है । बस उसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।