यहाँ अब जीना भी मुहाल है ये सियासत की सब चाल है जो जवाब मालूम हो,वही पूछो इस माजरे का शिकार,सवाल हैं मिट्टी है सोना,सोना है मिट्टी न जाने ये कैसा गोलमाल है आप गलत देखें भी,बोलें भी किस बंदे में इतनी मज़ाल है इंक़लाब लेके आएँगें मजलूम अच्छा तो […]

जो मेरे पास रहे बहुत  ख़ास रहे कभी तो ज़मीन या आकाश रहे बिखेरते रहे बू जो मधुमास रहे छोड़े न छूटती वो अहसास रहे छिपाके बुराइयाँ मेरा कपास रहे पिला दी ज़िंदगी क्या आभास रहे #सलिल सरोज परिचय : सलिल सरोज जन्म: 3 मार्च,1987,बेगूसराय जिले के नौलागढ़ गाँव में(बिहार)। शिक्षा: […]

भूख लगे तो रोटी की जात नहीं पूछा करते पेट को लगेगी बुरी,ये बात नहीं पूछा करते  1 ये धरती बिछौना ,ये आसमाँ है शामिआना बेघरों से बारहाँ दिन -रात नहीं पूछा करते   2 मालूम है कि एक भी पूरी नहीं हो पाएगी बेटियों से उनके जज्बात नहीं पूछा करते  […]

न जाने क्यूँ मैं अक्सर ही भटक जाता हूँ उसकी आँखों में कोई तो जंगल रहता है और फिर मैं भटकता नहीं तो क्या करता उन आँखों में भरा-भरा काजल रहता है जब भी आईना देखते होंगे, वो सोचते होंगे इन आँखों में न जाने कौन पागल रहता है मैं […]

किसी के निगाहों की तानाशाही तो नहीं ज़माना आदतन जिसे मोहब्बत कहता है सही कहने को कहे और सही कह दें गर फिर तो बुरी है हमारी शोहबत कहता है अपने चाँद को देखा न आसमाँ के चाँद को ऐसी होती है ईद कौन सी इबादत कहता है किसी की […]

रोटी को भी बहलाया फुसलाया जाता है जब आग के दामन से उसे बचाया जाता है रोटी प्रजातंत्र का बहुत शातिर खिलाड़ी है तभी तो इसे भरे पेट में खिलाया जाता है झुकोगे,गिरोगे,तरसोगे और कलपोगे भी जब रोटी का अभिमान दिखाया जाता है तुम्हारी गरीबी का शिगूफा बना बना कर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।