पत्रकारिता अब हो गई सिर्फ कोरा व्यापार गणेशशंकर विद्यार्थी को भूल गए पत्रकार मिशनरी पत्रकारिता भी बीते समय की बात हो गई अब तो मिडिया हाऊस जैसे एक दुकान हो गई किसान मजदूर की पीड़ा नही बन पाती सुर्खियां अभिनेता ने क्या खाया यह खबर खास बन गई। #श्रीगोपाल नारसन […]

अहंकार में अहम का पर्दा नजर नही आता सच का पर्दा विवेक तक यह हर लेता है झूठ में सत्य छिपा देता है अपना ही दुश्मन बन जाता है बस रावण जैसा हो जाता है पर अहंकार जिसने त्याग दिया स्वयं के अहम को मार लिया आत्मबोध उसे हो जाता […]

किसी के लिए दिन है किसी के लिए रात है सबका अपना भाग्य या कर्मों की बिसात है जैसा जैसा कर्म किया वैसी वैसी बरसात है न पछताने से कुछ होगा न खुश होने की बात है जिसके लिए दिन चल रहा उसकी होनी सांझ है जिसके लिए रात अंधेरी […]

विजय मिलने पर  इतराओ नही हार मिलने पर  घबराओ नही यह रचा रचाया  है ईश्वरीय ड्रामा इसमें बेवजह सिर खपाओ नही विजय मिली है तो झुकना सीखों हार मिली है तो स्वीकारना सीखों जो बोया था वही तो काटोगे दोष दुसरो पर  क्यों बांटोगे बस अपनी कमी  सुधारता चल विजय […]

दिवंगतों के सद्कर्मो को याद हमेशा किया कर जो सद्कर्म बड़ो ने किए उन्हें खुद भी किया कर परिवार का जिनसे नाम हुआ उनका नाम लिया कर उनकी हर अच्छाई को जीवन मे अपना चलाकर जिनके पितर नई पीढ़ी से सन्तुष्ट हमेशा रहा करते उनके खुद के कष्टो का भी […]

जीवन है क्षण भंगुर मान इसका कीजिए कब आ जाये किसका बुलावा यह बात समझ लीजिए एक बार जीवन गया फिर न मिल पायेगा जीवन मे अच्छा करने का स्वपन धरा रह जायेगा मेरी मानो जीवन का हर क्षण सार्थक अब कीजिए दो घड़ी समय निकाल कर परमात्मा को याद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।