जो अजन्मा है,निराकारी है जगत का कल्याणकारी है परमधाम का रहने वाला शिव परमात्मा मंगलकारी है श्रीमद्भागवत का रचयिता है हम सबका वह परमपिता है ज्योतिबिंदु स्वरूपधारी है जो आत्मस्वरूप में रहते है विदेही सहज हो जाते है भगवान उवाच का सार यही परमात्मा धरा पर आते है साथ मे […]