मित्र वही जो निभा सके समय पर काम आ सके सगो से भी निकट रह सके अपनत्व खुशबू बिखेर सके गरीबी अमीरी का भेद न हो जाति धर्म का छेद न हो विश्वास कभी डगमगा न सके मित्र की बुराई भा न सके मित्र को सद्ऱाह दिखा सके विकार उसके […]

कभी स्वयं की चिंता कभी परिवार की चिंता कभी समाज की चिंता कभी देश की चिंता कभी व्यर्थ की चिंता यह सब पहले भी था यह सब बाद भी होगा यानि जो होना है, वही होगा फिर चिंता किसलिए? ओर क्यों, किसी के लिए? चिंता हालात नही बदलती चिंता स्वयं […]

सत्ता ताकत से टले हुए है रुड़की नगर निगम चुनाव कौन बाहर रहे ,कौन शामिल हो विवादित बन गए बेचारे गांव न्यायालय से भी पड़ चुकी है सरकार को अनेक  फटकार कभी हाई कोर्ट, कभी सुप्रीम कोर्ट भटक रही है अपनी सरकार अच्छा होता समय पर ही हो जाते नगर […]

मुंशी फिर याद किये जायेंगे आने वाली पूण्य तिथि पर इस बीते जन्म दिवस की तरह नमक का दारोगा, पूस की रात हल्कू,जुम्मन, मातादीन ,होरी सब खो गए वक्त की गर्द में लमही मुंशी के नाम पर जिंदा है मुंशी पुस्कालयो की दराजों में अगर मुंशी को दिल से जिया […]

जगतजननी भारत माता तेरी जय हो, ज्यो हो ,ज्यो हो परमात्म आते तेरी धरा पर तेरी जय हो,जय हो,जय हो वीर बांकुरे पैदा करती असुरो से तुम कभी ना डरती नारी सम्मान की रक्षक तुम हो भगत,बिस्मिल, आजाद की मां हो सर्दी,गर्मी, बरसात सब झेलती बाढ़, जलजला,तूफान भी सहती अखण्ड,प्रचंड […]

अध्यात्म के साथ नैतिक शिक्षा का अब पाठ पढाना सबको जरूरी जो भटक गए है चरित्र मार्ग से उन्हें सद्ऱाह दिखाना बहुत जरूरी बच्चों से पहले उनके माता पिता को सच की कसौटी पर कसना जरूरी स्वहित से पहले  राष्ट्र का हित यह सिद्धांत अपनाना सबको जरूरी। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।