शिक्षक की गरिमा बड़ी बड़े है शिक्षक के काम जगत को बौद्धिक बनाता राष्ट्रहित का हो निर्माण अनुकरणीय जीवन इनका भविष्य ये बनाते सबका सम्भलकर इन्हें चलना चाहिए गलत काम न करना चाहिए आदर्श बनकर रहे समाज मे ज्ञान खूब बांटे समाज मे गोविंद से पहले पूजे जाओगे गोविंद कृपा […]

शिक्षक वही जो शिक्षा दे साथ मे जो दीक्षा भी दे अपने से बड़ा शिष्य को बना दे शिष्य के जीवन मे खुशियां ला दे पुत्र जैसा ही शिष्य भी हो उसकी तरक्की में अभिनन्दित हो शिष्य को भी एक लव्य बनना होगा अंगूठा मांगा है तो देना ही होगा […]

प्रिय बच्चों, नमस्कार। प्रिय बच्चों , जब नन्हें पावों से तुम शाला की सीढ़ियां नापते तो तुम्हारे नन्हें पांव वामन की तरह विराट विश्व को नापते लगते। तुम्हारे मुख मंडल पर खिली मुस्कान बरबस ही मेरे मुस्कराने का कारण बन जाती। सुबह-सुबह तुम्हारा मुझे नमस्कार करना , “जय हिन्द” करना […]

जीवन के हर क्षण को आखिरी मान लीजिए जो भी सद्कर्म कर सको आज ही कर लीजिए भरोसा नही सांसो का न जाने कब रुक जाए हर सांस के साथ साथ प्रभु स्मरण कर लीजिए हरदम याद रहे गर प्रभु दुःख कभी पास न आए सुख ही सुख हो जाएगा […]

नवजात के मन मे कोई भय नही होता जब तक वह जीवन मे कुछ पा नही लेता कुछ पा लेने पर उसके खो जाने का डर है यही तनाव, चिंता , परेशानी का घर है इसी के लिए भाग्य रेखा में अपना भविष्य खोजते है हाथ की लकीरों में तरक्की […]

सबके लिए मर्यादा अपनाना जरूरी है सबके लिए सदाचार में बंधना बहुत जरूरी है जो चाहते है अपने लिए वही दीजिए दुसरो को खुद सम्मान पाने से पहले दुसरो को देना जरूरी है चाहते हो भला अपना कीजिए भलाई पहले खुद का पेट भरने से पहले दुसरो का भरना जरूरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।