चाचा प्यारें कलाम तुम्हें हजारों सलाम । नवभारत के निर्माता किया जगत में नाम ।। अग्नि ,आकाश , त्रिशूल से देश का बढाया मान । कभी वैज्ञानिक तो कभी टीचर बनकर दिया ज्ञान ।। ज्ञान-विज्ञान के थे पंडित जन – जन के थे मीत। राष्ट्र सेवा का संदेश देकर कहा […]

पुतला तो रावण का जल गया जलकर वह खाक भी हो गया हम तालिया बजाते ही रह गए वह फिर से खड़ा वहां हो गया असल मे तो वह जला ही नही राम के हाथों वह मरा ही नही रावण तो अब भी घर घर मे है राम जैसा कोई […]

हम प्रतिवर्ष चारों वेदो के ज्ञाता और सभी छः शास्त्रों पर अपनी विजय पा लेने वाले लंकापति राजा रावण को प्रतिशोध रूप में जलाने की परंपरा निभाते चले आ रहे है।लेकिन जिस रावण को जलाना चाहते है वह तो कभी जलता ही नही है अलबत्ता उसके पुतले को जलाकर हम […]

किस रावण को ढूंढ रहे हो रावण तो अपने अंदर है रावण जैसा जो न हो बस, राम उसी के अंदर है काम,क्रोध,मोह,लोभ अहंकार, जिनसे छुटा नही उन्ही के अंदर रावण है यह सत्य किसी से छिपा नही रावण को अगर भगाना है अपनी बुराइयों को भगाओ पहले रावण के […]

नवदुर्गा के उपवास में देवी पूजा का प्रावधान सारी शक्तियां निहित देवी में देवियां ही कृपानिधान देवी रूप में पूजन को कन्या ही जिमाई जाती ढूंढ ढूंढ कर गली गली से छोटी कन्याएं लाई जाती एक एक कन्या कई घरों में जीमने की रस्म निभाती तब जाकर उपवास की परिणति […]

पहले राजा भेष बदलकर जनता के बीच जाते थे किसको क्या है कठिनाई समाधान करके आते थे अब राजा जनता से ही सुरक्षात्मक दूरी बनाता है जनता के बीच आने के लिए सड़के खाली कराता है आमजन तो दूर की बात खास भी नही मिल पाते है जिसने जैसा पढ़ा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।