पिया बिन सूना सावन लागे बरखा की बूंदों में साजन लागे मेघा ले जा संदेशा पिया के पास अब तो बस है तुम्हरी ही आस पिया बिन••••••••••••! तुम मुझसे क्या बिछड़े सनम बागों में बहार अब आते नहीं मोर के नृत्य भी लुभाते नहीं कलियाँ भी अब खिलती नहीं पिया […]

  चेहरों की चौखटों पर चिपके हुए रिश्तों के इतिहास बड़ेबेमानी लगते हैं लेकिन जब अविश्वास के हाथों विश्वास सूली पर चढ़ा दिया जाता है तो एहसासों के आइने चकनाचूर हो जाते हैं चाहतों की वो चौड़ी सड़कें पगडंडियों में तब्दील हो जाती हैं विश्वास की चट्टानें पिघलकर आंसुओ का […]

कविता तुम कहाँ हो कवि के हृदय में या कागज के पन्नों पर या मन की संवेदना में या ऊष्मित होती वेदना में या बालाओं के रूदन में या उद्वेगों के क्रन्दन में । बताओ हो किसी के स्मृतियों में या नायिकाओं के विरहगान में या छिपे हो सुर-ताल में […]

अजनबी पर कभी एतबार मत करना। दिल को कभी यूँ बेकरार मत करना॥ दिल्लगी के लिए इजहार मत करना। दिल दुखाने का विचार मत करना॥ स्वार्थ के लिए कभी प्यार मत करना। दिल को कभी तार-तार मत करना॥ दिल साफ न हो करार मत करना। दोस्त बनकर कभी वार मत […]

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करो नए कुछ काज तो कोई बात बने,  मिले तुम्हें भी ताज तो कोई बात बने।    नाम तेरा भी दिखे सुनहरे अक्षर में,  हो तुम पर जो नाज,तो कोई बात बने।    अगर बेटियाँ उड़ें गगन में ऊपर तक,  उन्हें समर्पित साज तो कोई बात बने।    अच्छा सोचो […]

जीने के लिए तो पूरा आसमान बाकी है, यहाँ तो हर कदम पर इम्तहान बाकी है। हम तुम जहाँ-जहाँ साथ चले थे अक्सर, तुम्हारे कदमों के उस जगह निशान बाकी है। अश्क छलकते रहे जज़्बातों में डूबकर, दिल में उमड़ रहा तूफान बाकी है। कविताओं के आवरण को हटने तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।