जनजीवन डगमगाया आया जबसे कोरोना । डरने लगा इंसान ही इंसान से ऐसा कोरोना ।। पीडाहारी हे! दशा माता हम पर कृपा करो ना । चीन से आया कोरोना धरा से इसे नष्ट करो ना ।। जयति जय दशा माता जगत जननी महामाया । जैसे कोढी को देती काया कोरोना […]
जीवन दिया तुम्ही ने हमको याद भी अपनी दिया करो कर पाऊं धन्यवाद तुम्हारा अवसर मुझको दिया करो ज्ञान से तुम्हारे जगमग जीवन धारणा से अनुगामी बना सेवा करके संतुष्टि मिली शांति का महासागर मिला मुझे मेरी पहचान कराई तुम्हे पाने का रसानन्द मिला आत्मा होकर परमात्मा तक पहुंचने का […]
बड़े हो बडप्पन निभाओ अहंकार में कभी न आओ हाईकमान जिनके लिए हो उनकी पीड़ा का पता लगाओ धरातल का जब पता न हो चापलूसों से खुद ही घिरा हो विपदा बिन बुलाए आएगी बना बनाया घर तोड़ जाएगी घर बचाना है तो द्वार खोल दो सबके मिलने का मार्ग […]
घोर कलियुग का दौर है स्वार्थ हो गए सर्वपरि निष्ठा पल में बदल गई स्वयं को जो कुर्सी मिली जनता की कसमें खाकर जो खुद को सेवक बताते थे वही महाराज दलबदल कर जनता का मोल लगाते है जीवन दर्पण है सब देखते है लक्ष्मीबाई से हुआ छल देखते है […]
सफल अगर हो गए आप धन्यवाद ईश्वर का कीजिए जो कर्म किए सफलता के लिए उनको याद जरुर कीजिए सफलता की प्रशंसा मिले यह इच्छा कभी मत कीजिए सफलता पर मिले सन्तोष से स्वयं सुख का अनुभव कीजिए करने वाले आप नही है यह मन मे धारण कीजिए स्वयं को […]
लोकतंत्र के गलियारों में जन आवाज़ अनसुनी हो गई सरकार लगता है बहरी हो गई फरियाद किससे लगाए जनता न्याय किससे पाए मंत्री प्रसाद नैथानी ने अनूठा तरीका अपनाया देवयाचना बिगुल बजाया अब सरकार की शिकायत देवी देवताओं से कर रहे है सरकार को सद्बुद्धि आए भगवान से याचना कर […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।