पूरे विश्व में एक भारी संकट है जिसे कोरोना अथवा कोविड 19 के नाम से जाना जाता है। जिससे पूरा विश्व त्रस्त है। दुनिया के सभी देश इस प्राण घातक बीमारी से बाहर निकलने के लिए पूरी तरह से संघर्ष कर रहे हैं। पूरे विश्व की आर्थिक स्थिति पूरी तरह […]

सियासत एक ऐसा खेल है जिसकी रूप रेखा सदैव ही पर्दे के पीछे से तय की जाती है। पर्दे के बाहर खुले आसमान के नीचे सियासत का दिखाई देने वाला रंग-रूप पर्दे के पीछे ही गढ़ा जाता है यह एक अडिग सत्य है। जिसे नकारा नहीं जा सकता। इसका मुख्य […]

राजनीति एक ऐसा खेल है जिसमें सभी खेल खुले मंचों पर कभी भी नहीं होते यह एक अडिग सच है। गाँव की राजनीति से लेकर क्षेत्र की राजनीति तक एवं प्रदेश की राजनीति से लेकर देश की राजनीति तक। सभी खेल कभी भी खुले मंचों पर नहीं होते। क्योंकि राजनीति […]

जी हां बिहार की धरती पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जोकि राजनीतिक समीकरण में बहुत उथल-पुथल को दर्शाता है। सियासत के सधे हुए सियासी कदम ने बिहार की धरती पर वही कर दिखाया जिस बात का पूर्ण रूप से अनुमान लगाया जा रहा था। क्योंकि बिहार के […]

वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। सत्ता की चाहत में राजनेता क्या-क्या नहीं कर गुजरते। सत्ता की चाहत और कुर्सी की लालच में राजनेता सबकुछ कर गुजरने को तैयार रहते हैं। इसका एक ताजा रूप कश्मीर की सियासत में फिर से एक बार देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 […]

जी हाँ बिहार की धरती पर चुनावी बिगुल बज चुका है सभी पार्टियों ने अपने-अपने योद्धाओंको चुनावी मैदान में झोंक रखा है। शाब्दिक बाणों की बौछार आरम्भ हो चुकी है। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। सभी सियासी महारथियों ने अपने-अपने करतब दिखाना आरंभ कर दिया है। सब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।