2

उस दिन शायद पूरा भूमंडल रोया होगा, जब धरती माँ ने अपने लालों को खोया होगा। शायद उस दिन भारत माँ ने भी आजादी से इंकार किया होगा, जब बलिदान उसने अपने तीन शेरों को किया होगा। उस दिन फिर भोले ने तांडव किया होगा, जब इनकी फांसी का दिन […]

2

भूलकर सारे गिले-शिकवे अपनों के, एक-दूसरे को हम रंग लगाएंगे। जिंदगी में भर दे खुशियाँ जो फिर से, इस बार होली ऐसी मनाएंगे। जो भी होगा रुठा मुझसे अभी तक, जाकर घर स्वयं उसके हम मनाएंगे। एकसाथ मिलेंगे हम सब फिर से, बचपन वाली वो होली फिर से मनाएंगे। बेरंग-सी […]

2

गर चली जाए मेरी जान वतन पर, तो इतना-सा काम करना.. दे देना मेरी चिता को मुखाग्नि, न मेरे मातपिता को परेशान करना। जानता हूँ रोएंगें वो बहुत, इसीलिए तुम थोडा-सा उनका ध्यान करना.. गर न मानें फिर भी वो तो, भगतसिंह-चंद्रशेखर की ख्याति का बखान करना। बता देना उन्हें […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।