रैन तुम्हारे संग बीते फिर , बीते भोर ख्यालों में, बन पगली फिर फिरा करुं मैं , तपते हुए उजालों में । मैं बरखा बन-बन बरसुं, बन पतझर झर- झर जाऊँ रे, शीत ऋतु में तपुं आग सी, ग्रीष्म में ठंडक पाऊँ रे, करूँ कल्पना प्रेम की अब चाहे होगा […]

हर पल जीवन का सँवार कर नारी भर देती है गागर में सागर जहाँ जहाँ पहुँच सकते हैं भास्कर तोड़ लाती ये तारे वहाँ जाकर ये छाई रहती हर डगर,हर पहर क्योंकि इनके बिना नहीं है गुजर-बसर इसीलिए कहते हैं महिलाओं की बात ही कुछ और है… दिनचर्या इनकी बड़ी […]

सड़क किनारे, बैठे देखा उनको, जो आती–जाती गाड़ियों पर, उम्मीद की निगाहों से, टकटकी लगाये.. चारपाई की दूकान पर, खिलौने सजाकर पोंछते रहते हैं दिनभर… उनकी धूल, जो सरपट दौड़ती गाड़ियाँ, तोहफ़े में दे जाती हर रोज़। जिस चारपाई पर रातभर सोया घर का मुखिया, पत्नी बालक सभी के लिये, […]

हर हृदय में बहती रहती नित प्रेम की निर्मल धारा, है विश्व कुटुंब में सर्वोपरि भारत गणतंत्र हमारा, ये जननी जन्मभूमि अपनी है स्वाभिमान हमारा, जहाँ सर्वधर्म समभाव रहा सदा मानवता धर्म हमारा, हो विकट परिस्थिति कितनी भी हो विषम समय की धारा, है वतन पर अपने मिटने का स्वर्णिम […]

नजर आता है वह मेरे अफ़ाक़ पर रोशन आफताब की तरह । हयात भी उसे गुनगुनाती दीवाने – खास ग़ज़ल के किताब की तरह। उसकी खुशबू से महकता बज़्म बहकता शामें सहर शराब की तरह। मदहोश करती नज़रें लब छूतें लफ़्ज़ जाज़िब पैगाम देती आदाब की तरह। जुस्तज़ू उसकी आरज़ू […]

लिहाज़ एक झीना सा पर्दा ही तो है जिसके सहारे हम-आप अपना असली चेहरा छुपाते फिरते हैं यह सोच कर- कोई देख नहीं रहा। भलाई भी इसी में है- यह पर्दा कायम रहे वर्ना हकीकत सरेआम जो हो जाएगी। अर्द्धेन्दु भूषण इन्दौर, मध्यप्रदेश लेखक वर्तमान में दैनिक प्रजातंन्त्र के सम्पादक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।