चोर उचक्के सारे मिलकर, अब सदाचार सिखलाते हैं, भ्रष्ट आचरण करने वाले, नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। जो सूटकेस के खेल में माहिर, सूट-बूट की करते बात, आतंकियों के हमदर्द देश में, सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं। —- #डॉ.अ. कीर्तिवर्धन परिचय : अ.कीर्तिवर्धन का जन्म १९५७ में हुआ […]
ए गुलमोहर,तुझे देखकर,यादें ताजा हो आई, तेरी वो तेरी नाजुक पंखुड़ी, यादें बचपन की ले आई। झुकी डालियों से अनुरक्ति,कैसे बयां करुं बचपन की, तेरी रक्तिम आभा से जुड़ गई,स्वर्णिम यादें जीवन की। सखियों संग हँसते-गाते,कितने अनजान ज़माने थे, वो नादानी कहती है,बचपन में हम कितने इतराते थे। यौवन की दहलीज न जाने कब लांघी,हमने सकुचाते शरमाते, जाने कब […]
