तू मेरी सुबह बनके आ तू मेरी शाम बनके आ दूर आसमाँ में बैठे उस खुदा का पैग़ाम बनके आ मेरी तिश्नगी का कोई हासिल है भी या नहीं गर है तो तू मेरी कोशिशों का अंजाम बनके आ तुझे चाहा जब से कोई और काम नहीं मुझे जो ज़माने […]

 तुम जब चले गए तो फिर हमें आए याद बहुत जिस गुलशन को बसाया था,हुआ वो बर्बाद बहुत सब गलियाँ है सूनी,सब रास्ते हो गए उदास बहुत दिन है मेरा सोया सोया,और जागा है रात बहुत जहाँ तक देखा था वो भी कम कुछ नहीं था लेकिन कई अफसाने छिपे […]

मुझे मत दिखा अभी ये चाँद सितारे मैं किसी की निगाहों से अभी उबरा नहीं हूँ जब से तुम्हारी निगाहों का सूरमा है मेरी आँखों में तब से फिर खुद को मैने सँवारा  नहीं है मत कर मुझे इतिहास में यूँ तो दफ़्न अभी मैं पुराना लम्हा तो हूँ पर […]

बादशाहत तुम्हारी जितनी भी बड़ी हो आज,याद रखना वक़्त को हर एक तख्तो-ताज को गिराना आता है   यह हुकूमत सब यहीं धरी की धरी रह जाएँगी आँधियों को अकड़े हुए शज़रों को झुकाना आता है   दूसरों को कमतर समझने की  तुम्हारी भूल है ज़ानिब सर्द रातों को भी […]

तू मेरा कल नही, तू मेरा आज नहीं तेरे मेरे दरम्यान अब कोई राज़ नहीं तूने बुलाने में बहुत देर कर दी हमनशीं सफर से लौट आने का रिवाज नहीं तेरा नूर भले माहताब होगा ज़माने में बेपर्दा हुश्न पर हमें तो कोई नाज़ नहीं हुश्न की फिदरत है हर […]

वो जब से लौट आए से मेरे शहर में दिन में ईद,रात में दिवाली हो गई है उनके आने की खबर की ये तासीर है खेत-खलिहान,नदी,पर्वतों में खुशहाली हो गई है वो जो निकले हैं सँवर के मेरे छत पे तो अमावस भी तारों वाली हो गई है अपने होंठों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।