*आज का सेहतनामा>>डिप्रेशन* जब आप खुद को ही खुद से अलग कर देते हैं तो यह लक्षण है डिप्रेशन का। यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी, कभी भी अपने घेरे में ले सकती है। कुछ लोग तो इस डिप्रेशन नामक बीमारी को झेल नहीं पाते हैं और […]

कभी तुमसे कह देंगे, कभी मुस्कुरा देंगे।। कभी तुम अगर रूठे, तो हम माना लेंगे।। पर सुनो..याद तुम रखना, इस प्यार को हम मौन ना होने देंगे।। तुम्हे दिल मे रखेंगे, धड़कन बना लेंगे ।। तेरी साँस पे अपना, जीवन सजा लेंगे ।। पर सुनो.. हम कभी तुमको, खुद से […]

जब अपरिमित शून्य में मन को मिले सोते गरल के लेखनी के अश्रु छलके , सिंधु ज्यों नमकीन जल के शुभ्र कागज का धरातल , सावनी सपने सँजोये भावना हल को चलाये , अक्षरों के बीज बोये रूप धरते भाव सारे , खेत में तब कृषक-दल के लेखनी के अश्रु […]

   जाने माने टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा ने आगाह किया है कि समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश के सर्वोत्तम मस्तिष्कों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की है। रविवार 15 जुलाई, 2018 को कर्णावती विश्वविद्यालय की यूथ-पार्लियामेंट में युवाओं को संबोधित करत हुए सैम पित्रोदा ने कहा कि ‘दुनिया के […]

पुस्तक समीक्षा – सच , समय और साक्ष्य  शिवना प्रकाशन , सीहोर । मूल्य – 175 ₹  कोमलता से चुभन का यथार्थ एहसास कराती हैं शैलेन्द्र की कविताएं बैंक प्रबंधक के पद पर रह कर वित्तीय आंकड़ों में उलझते- सुलझते सेवानिवृत हुए प्रेम और मानवीय संवेदनाओं के कुशल चितेरे कवि […]

क्या रखा है तेरी याद में उम्र भर बे-सुकून क्यों जीते रहें उम्र भर दिल-लगाया-ओ-इश्क़-आजमाया तमन्ना क्यों सताती रहे उम्र भर हँसता हूँ ख़्याल पे कि तुम मेरे हो ग़ैरों को क्यों तड़पते रहें उम्र भर जुनूँ में रातें बेहिसाब वफ़ा कर चुके बेवफ़ा क्यों याद आती रहे उम्र भर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।