पंच तत्व से बना शरीर पंच तत्व मे मिल जाता है ज्योति बिंदू स्वरूप आत्मा इसी से स्थाई नाता है जो भी कर्म करेंगे हम यह आत्मा ही भोगेगी शरीर तो नश्वर है प्यारे सदा साथ नही निभाता है मेरी मानो जग को समझो कौन कहा से आता है आत्मा […]
दिल कहूँ दिलबर कहूँ दिलदार दिलरूबा कहूँ, कभी तुम्हें सनम कहूँ कभी तुम्हें खुदा कहूँ, ============================ हमसफर तू हमकदम तू हमदम तू हमराज़ तू, तुमको ही मंज़िल कहूँ तुमको ही रास्ता कहूँ, ============================ मौजूद ना होके भी तू हर वक्त मेरे पास है, महबूब मेरे किस तरह मैं तुझको बेवफा […]
