अमिट भाग्य लकीरें

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ram mamgai
प्रभात नव नभ अम्बर प्राची के आँचल में पडा करुण अरुण दिखा,
विधि की निधि देखो विधि ने रवि की क्या करुणामय विधि लिखा ।
जून में अरुण तरुण तरुणी के तन मन को तपाकर खुश होता है,
देखो अरुणिमा अरुण का तेज शीत पावन पवन पौष में खोता है ॥1
पौष माघ में मधुमास के मधुकर के मधु सा मधु रवि होता है,
नीति नियन्ता के नियत नियम से नित रवि को आना ही होता है।
हे नर देख पर महल की चहल पहल को तू भाग्य पर क्यों रोता है,
जैसा लिखा विधि ने विधि तेरा वैसे ही तेरे संग जग में होता है॥2
#राम ममगाँई ‘पंकज’
परिचय-
जीवन परिचय
नाम- रामचंद्र ममगाँई । साहित्यिक नाम-पंकज ।
 जन्मतिथि- 15 मई 1996
पिता का नाम- श्री हंसराम ममगाँई।
माता का नाम- श्रीमति विमला देवी।
जन्म स्थान-घनसाली टिहरी गढवाल उत्तराखंड। 
अस्थायी पता – देवपुरा चौक हरिद्वार उत्तराखण्ड।
स्थाई पता- ग्राम मोल्ठा पट्टी ढुंगमन्दार घनसाली
 जिला टिहरी गढ़वाल    उत्तराखंड
पिन को- 249181
शिक्षा-  शास्त्री और शिक्षाशास्त्री
   रचना
 साझा संकलन
1 अनकहे एहसास  
2. एहसास प्यार का 
विशेष – चित् तरंगिणी त्रैमासिक पत्रिका का मुख्यसम्पादक ।
हिन्दी व संस्कृत के विभिन्न विषयों पर लेख व कविता अनेक पत्रिकाओं व अखबार में प्रकाशित ॥

matruadmin

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खूबसूरती

Sun Dec 23 , 2018
जुल्फ-घनेरी बिखरी-बिखरी झील सी आँखें नीली-नीली। नजर हमारी ठहरी-ठहरी बात तुम्हारी बिखरी-बिखरी। मन चंचल मचल-मचल अल्हड़ बनाए डगर-डगर। ठिठक जाए संभल-संभल होठ गुलाबी संवर-संवर। चाल शराबी कमल-कमल नशीली आदाएँ कहर-कहर। बात का जादू सफल-सफल मदहोश करती पहर-पहर। लो आ गयी गहरी-गहरी रात निराली ठहरी-ठहरी चाँद की चाँदनी फैली-फैली खूबसूरती तुम्हारी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।