हरितालिकातीज

0 0
Read Time1 Minute, 28 Second
nisha raval
आज तीज की शुभ घड़ी आयी,
चाँद ने की किरणों से सगाई…!
ब्रम्हमुहूर्त ने मंगल गीत गाये,
गोधूलि बेला ने दी है विदाई….!
मेहन्दी रचाऊँ इन हाँथो में,
पिया के प्रेम की खुशबू आये…!
महावर लगाऊं मैं पैरों में,
सजना तू ही धड़कन में समाए…!
बिंदिया सजाऊँ मांग में,
तू ही पिया अब मेरा भाग्य…!
लाली लगाऊं इन अधरों में,
तेरा सँग मेरा सौभाग्य…!
अँखियन में मेरे तू ही बसा,
तुझको छुपा मैं कजरा लगाऊं…!
हमारे प्रेम को नजर न लगे,
दुनिया की सारी बला से बचाऊं…!
कानों में झुमका पहनकर,
तेरी ही मीठी बतियाँ सुनु मैं….!
हृदय की तड़पन तू ही समझे,
मन का भेद किससे कहूँ मैं…!
गले मे पहन तेरी बाहों का हार,
सजना तेरे आलिंगन को तरसू….!
एक नजर बस मुझपर डाल,
देख तुझपर मैं मेघ सी बरसूं….!
मेरे इन हाँथो की चूड़ियां खनकर,
तेरे हरपल होने का एहसास दिलाये…!
मेरे माथे के सिन्दूर का समर्पण,
ये उलझी लटे सिर्फ तुझे रिझाये….!
पैरों में पाजेब पहनकर,
तेरे घर को गुलजार करू मैं….!
तू सलामत रहे हमेशा,
ईश्वर से ये ही अर्जी करूँ मैं….!!
#निशारावल
     छत्तीसगढ़

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दायित्व 

Tue Sep 11 , 2018
स्त्री अपने सारे दायित्व जनम से लेकर मरने तक निभाती है बिना कुछ कहे सब कुछ सहती है हर पीड़ा हर दर्द वो सह जाती है फिर भी हमेशा दोषी स्त्री ही ठहराई जाती है क्यों?? इस क्यों ? का कोई जवाब नहीं ख़ुद भूखी रहती है बच्चों को पालती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।