समय के साथ-साथ जैसे परिवार के मुखिया का स्वरूप बदलता रहता है, ठीक उसी प्रकार से आज हिंदी का स्वरूप भी बदला हुआ है । हिंदी आज के परिवेश में बुजुर्गियत की सीमा रेखा को पार करने के कगार पर है । शायद इसलिए हमने हिंदी को कुर्सी पर बिठा […]
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दरअसल आपदा प्रबंधन के व्यापक मुद्दे जैसे कि निगरानी, मूल्यांकन, खोजबीन और बचाव, राहत, पुर्निर्माण और पुर्नवास आदि। इसमें बहु-क्षेत्रीय शासन व्यवस्था, वैज्ञानिक, नियोजक, स्वंय सेवी और समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। इन भूमिकाओं और गतिविधियों में आपदा पूर्व आपदा के दौरान तथा आपदा उपरांत के चरण शामिल होते […]