वो दौर भी जाता दिख रहा है जब अदद पाठक अपनी मानसिक खुराक की खोज में पुस्तकें टटोलता था, पुस्तकालय के खाक छानता था, दोस्तों से किताबें भी उधार मांगता था, कहीं सड़क किनारे लगी किताबों की दुकान पर ठहर कर वो अपने कद को खोजता था, पहचानता था वो […]
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