वो दौर भी जाता दिख रहा है जब अदद पाठक अपनी मानसिक खुराक की खोज में पुस्तकें टटोलता था, पुस्तकालय के खाक छानता था, दोस्तों से किताबें भी उधार मांगता था, कहीं सड़क किनारे लगी किताबों की दुकान पर ठहर कर वो अपने कद को खोजता था, पहचानता था वो […]

इस बात से शायद ही किसी को असहमति हो कि समाज को अपने काम चलाने के लिये भाषा की जरूरत लाजिमी है . भाषा से न केवल विचार की अभिव्यक्ति होती है, पारस्परिक संवाद होता है,ज्ञान का संरक्षण और पीढियों के बीच संचार होता है बल्कि स्वास्थ्य , न्याय , […]

दशहरे और दीपावली की छुट्टियां खत्म हुई हैं और अब बच्चे अपने स्कूल कॉलेज या जहां वे काम करते हैं वहां जाने की तैयारी में हैं…कुछ तो पर्व समाप्त होने के दिन से ही निकलने की तैयारी में लग जाते हैं… रिजर्वेशन चार महीने पहले जो ले रखी है… उल्लास […]

साथियो आज एक ऐसा विषय को लेकर आपके सामने आया हूँ / जिस पर हर इंसान एक दम से वोना हो जाता है/ उसे अच्छे बुरे का ज्ञान होते हुए भी  वह असहाय सा दिखता है /और ये विषय है नारी की जिद्द ? बड़े बड़े विद्धमान लोग भी इस […]

क्या इसे ‘न्यू इंडिया’ की असली तस्वीर मानें कि बीते 24 महीने में देश की एक और अभिजात संस्था सीबीआई ( सेन्ट्रल ब्यूरो आॅफ इन्वे‍स्टीगेशन) भी गहरे संदेह के दायरे में आ गई है ? संवैधानिक संस्थाअों की विश्वसनीयता में गिरावट और अराजकता की  शुरूआत निर्वाचन आयोग से हुई, जो […]

जब एक बच्चा रंग और कागज पहली बार पकड़ता है और कोई चित्र  उकेरता है तब पहले पहल वो एक झोपड़ी ,नदी ,पहाड़ ,पेड़ ,चिड़िया बनाता है ।इसका मतलब है यह उसके और हमारे जन्म के साथी हैं। कितना सुंदर और प्यारा लगता है उसका बनाना। इन सभी से हम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।