मातृभाषा के माध्यम से ही मनुष्य का ज्ञान- विज्ञान की दुनिया में पदार्पण होता है माँ के स्तनपान के साथ साथ अबोध शिशु जिन ध्वनियों और दुनियावी वस्तुओं से परिचना शुरू करता है वह बच्चे को प्रतीकों की नई दुनिया में प्रवेश दिलाता है यह प्रक्रिया बड़ी सरल औरप्रभावी होती […]

अत्यंत दुखद एवं चिंता का विषय है कि हम मात्र शब्दों के संग्राम से कार्य करने की स्थिति में प्रवेश कर गए हैं, जहाँ से हम संभवतः अब निकलना नहीं चाहते। ऐसा क्यों? इसका उत्तर ढ़ूँढ़ पाना अत्यंत कठिन है। क्योंकि, हम मात्र शब्दों के आस-पास की ही धुरी पर […]

  आजकल सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम अपनाने का देश की अधिकाँश राज्य सरकारों में होड़ लगा हुआ है. ऐसा क्यों न हो ? अंग्रेजी माध्यम के बल पर ही मात्र तीन प्रतिशत लोग सत्ता पर काबिज हैं. जबकि देश की आधी से ज्यादा आबादी द्वारा बोली जानो वाली […]

वर्ष प्रतिपदा के पावन दिवस 10 अप्रैल, सन् 1875 को महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य-समाज ने अब तक देश के धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक व राष्ट्रीय विषयों पर अपनी गहरी पैठ बनाई है. इसके द्वारा अविद्या के नाश व विद्या वृद्धि, अँध-विश्वासों, आडंबरों, मिथ्याचरण, बाल विवाह, बेमेल विवाह, सामाजिक कुरीतियों, […]

मित्रों, यह आलेख खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है… जो स्कूल की पढाई कर रहे हैं…| साथ ही उन युवाओं के लिए भी जो बिना लक्ष्य के जीवन जी रहे हैं…| या उन सभी के लिए… जिन्हें अपना लक्ष्य बनाने में मुश्किल होती है…| तो चलिए… शुरू करें…! मित्रों, अभी […]

पाकिस्तान ने फिर वही अपना पुराना राग अलाप दिया। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान के सत्ता पर विराजमान होने से सीना पर शांति के रूप में देखा जा रहा था। परन्तु, ऐसा नहीं हुआ सत्ता परिवर्तन के बाद भी नए प्रधानमंत्री ने वही कार्य करना आरम्भ कर दिया जोकि, उनके […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।