मातृभाषा के माध्यम से ही मनुष्य का ज्ञान- विज्ञान की दुनिया में पदार्पण होता है माँ के स्तनपान के साथ साथ अबोध शिशु जिन ध्वनियों और दुनियावी वस्तुओं से परिचना शुरू करता है वह बच्चे को प्रतीकों की नई दुनिया में प्रवेश दिलाता है यह प्रक्रिया बड़ी सरल औरप्रभावी होती […]
चर्चा
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वर्ष प्रतिपदा के पावन दिवस 10 अप्रैल, सन् 1875 को महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य-समाज ने अब तक देश के धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक व राष्ट्रीय विषयों पर अपनी गहरी पैठ बनाई है. इसके द्वारा अविद्या के नाश व विद्या वृद्धि, अँध-विश्वासों, आडंबरों, मिथ्याचरण, बाल विवाह, बेमेल विवाह, सामाजिक कुरीतियों, […]