माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत याचिका क्रमांक WPWIVIL/203/2015 में यह निराकरण चाहा गया था कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३२ के अंतर्गत संविधान में संशोधन कर ‘इण्डिया’ शब्द को हटाकर सिर्फ ‘भारत’ रखा जाए। याचिका की सुनवाई तीन सदस्यीय खण्डपीठ जिसमें माननीय मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े,न्यायमूर्ति ए. एस.बोपन्ना […]

सेनेटाइजेशन 2020 में हमारे लिए नया शब्द नही रहा। लगभग बच्चे बच्चे के होठों पर यह शब्द आ चुका था। तो क्या सेनेटाइजेशन को लेकर हम पहले जागरूक नही थे ? नही। यह सोचना बिल्कुल भी गलत होगा। क्योंकि शुद्धिकरण का विचार हमारे सन्तों व पूर्वजों का सदैव से रहा। […]

देश की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने का दावा करने वाली सरकारों ने नागरिकों के विश्वास को ठगने का हमेशा से ही प्रयास किया है। गुलामी के लम्बे काल ने स्वाधीनता के मायने कहीं गुम कर दिये हैं। लोग स्वतंत्रता और वास्तविक स्वतंत्रता में अंतर करना भूल गये हैं। थोपी गई […]

आज के बंगाल को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 19 वी सदी के आरंभ का पाकिस्तान व बांग्लादेश के यही समीकरण होंगे। उस समय भी अंग्रेजी सत्ता ने मुस्लिमो के अव्यवहारिक घुसपैठ को महत्व न देकर, नजरअंदाज किया। इस समय बंगाल भी उसी दौर से गुजर रहा […]

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी तहसील मुख्यालय से 24 किमी दूर ग्राम जैत में एक मध्यमवर्गीय कृषक प्रेमसिंह चैहान के घर 5 मार्च 1959 को माता सुदंरबाई ने एक ओजस्वी बालक को जन्म दिया। जो बडा होकर शि‍वराज सिंह चैहान के नाम से सारे जगत में विख्यात हुआ। इसकी […]

उन्होंने ‘हिन्दी प्रचारक’ (1926-1936),’हिन्दी प्रचार समाचार’ (1938-1961) तथा ‘दक्षिण भारत’ (1947-1961) जैसी पत्रिकाओं का कुशल संपादन किया. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, भारतीय संस्कृति संगम, दिल्ली, तेलगु भाषा समिति, हैदराबाद, हिंदी विकास समिति, मद्रास एवं हिंदुस्तानी प्रचार सभा, वर्धा जैसी संस्थाओं की स्थापना का श्रेय भी उन्हें है. मोटूरि सत्यनारायण का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।