1

अहिन्दी भाषी क्षेत्र गुजरात के सुरेंद्र नगर में यदि किसी साहित्यकार और सम्पादक का नाम ससम्मान और प्रमुखता से लिया जाता है तो वे हैं – श्री पंकज त्रिवेदी जी । वे गुजराती बहुल क्षेत्र में हिन्दी का परचम लहराते हुए हिन्दी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने […]

देश में कुछ संगठन ऐसे हैं, जो निस्वार्थ भाव से जन सेवा के काम में जुटे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल भी एक ऐसा ही संगठन है, जो मुश्किल वक़्त में लोगों की मदद करता है। कहीं बाढ़ आए, सूखा पड़े या फिर कोई और मुसीबत आए, संगठन के […]

पुस्तक समीक्षा………………. किसी भी विधा में लेखन हो उसका भावनाओं से गहरा सम्बंध होता है फिर यहां तो सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह – कहाँ हो तुम की लेखिका का नाम ही भावना है ! उनकी विविध भावनाओं की अभिव्यक्ति ही इस संग्रह को सार्थकता , पठनीय और अपने पुस्तकालय में […]

  शब्द साधन और संपन्नता के चरम पर भावनाओं के सहारे तथ्यों और जानकारियों को सहज रूप से प्रस्तुत करके गंभीरता को पाठक के मन तक मोड़ देने का नाम गद्य है | एक साधा हुआ काव्य भी गद्य कहलाता हैं | मानव के सामान्य जीवन में बोले जाने वाले […]

देश में भूख से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेश झारखंड से भूख से मरने की ख़बरें आईं। चतरा ज़िले के इतखोरी में मीना मुसहर नामक एक महिला की मौत हो गई। उसके बेटे का कहना है कि उसकी […]

जम्मू-कश्मीर की सरकार का जो हश्र अब हुआ, वह पहले ही क्यों नहीं हुआ ? भाजपा ने पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को साढ़े तीन साल टिकाए रखा और अपनी प्रांतीय और राष्ट्रीय छवि को चौपट होने दिया, इसके पीछे उसकी उदारता और धैर्य की तारीफ करनी पड़ेगी। भाजपा के समर्थक कश्मीर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।