संस्कार तुम्हीं से पाते हैं , सब प्यार तुम्हीं से पाते हैं। ममता के सुंदर उपवन में, मीठी लोरी के मधुबन में। आँचल की ठंडी छाँव तले, मेरा बचपन देखो पाँव चले। गिर-गिर कर उठना सीखा है, सब माँ से पढ़ना सीखा है। सब सुनकर के चुप रहती है, धीरे […]
काव्यभाषा
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