मेरे सर पे दुवाओं का घना साया है। ख़ुदा जन्नत से धरती पे उतर आया है।। फ़कीरी में मुझे पैदा किया, पाला भी। अमीरी में लगा मुँह – पेट पे, ताला भी।। रखा हूँ पाल, घर में शौक से कुत्ते, पर। हुआ छोटा बहुत माँ के लिए, मेरा घर।। छलकती […]

शिकोहाबाद के वरिष्ठ व्यंग्यकार अरविंद तिवारी का कहना है कि कई दहेज और शोषण के फर्जी मुकदमें तो तमाम पुरुषों की जिंदगी ही तबाह कर देतें हैैं। आज बड़े पदो पर पहुंच कर महिलाएं भी पुरुषों का शोषण करतीं हैं। इस संदर्भ में फतेहपुर के युवा कवि फिल्म निर्देशक शिव […]

आस्था के साथ जुडी मानसिकता को परिवर्तित करना आसान नहीं होता। यही जुडाव जटिलता की ऊंचाइयों पर पहुंचकर परेशानियां पैदा करने का कारण बनता है। जुडाव को विस्त्रित अर्थों में लेना पडेगा। तर्कविहीन, विवेकविहीन और आधारविहीन मान्यतायें जब रूढियां बनकर अठखेलियां करने लगतीं है तब आदर्श, अन्धविश्वास में परिवर्तित हो […]

किसी से मोहब्बत करना, बहुत अलग बात है। मोहब्बत कर के दिल में, उतार जाना बड़ी बात है। मगर लोगो ने मोहब्बत को, एक नुमाइश बना दिया। आज इससे तो कल उससे, करके दिखा दिया।। मोहब्बत कभी भी नुमाइश की, चीज हो नही सकती। जो ऐसा करते है, वो मोहब्बत […]

खुशियों का देखा खुमार बचपन में आपस मे है कितना प्यार बचपन में बच्चे बच्चे मोहब्ब्त कितनी लुटाते है लगा खुशियों का अम्बार बचपन में कट्टी कभी मिठ्ठी भी होती रहती साथी पर है ऐतबार बचपन में याद आते है वो स्कूल वाले दिन होता नहीं कोई लाचार बचपन में […]

ईश्वरीय मत पर जो चले अच्छा पथ ही उसे मिले व्यर्थ के चिंतन से बचे रहे सदैव स्वस्थ व सुखी रहे जो हो रहा है अच्छा माने ईश्वर का ही कृत्य माने फिर चिंता काहे की करना बिना वजह काहे को डरना ईश्वरीय याद कभी न खोना सदा खुशी से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।