इंदौर | हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कार्यरत संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने राष्ट्रीय महासचिव के दायित्व पर संस्कारधानी, जबलपुर निवासी कमलेश कमल को नियुक्त किया। श्री कमलेश कमल पुलिस विभाग में उप सेनानी, आईटीबीपी (जबलपुर) के दायित्व पर कार्य करने […]

सत्ता की भूख से हर दल है बेहाल राजनीति मे छा गए अब सत्ता के दलाल संविधान के रक्षक ही भक्षक बन गए है राजनीतिक स्वार्थ को सिद्धान्त बोने हो गए है भला हो न्यायालय का संविधान बचा रहा है अवकाश में भी सुनवाई कर लोकतंत्र बचा रहा है जिसने […]

लाल रंग :- लाल रंग का संकेत है- रुकिए , आगे खतरा है |अन्य रंगों की अपेक्षा यह रंग बहुत ही ज्यादा गाढ़ा होता है जो दूर से ही दिखने लगता है और हमारी आँखों (रेटिना) पर ज्यादा प्रभाव छोड़ता है | पीला रंग :- पीला रंग संकेत देता है- […]

ज़िन्दगी में कहाँँ किनारे हैं।हम सरीख़े भी बेसहारे हैं। मिले मुक़म्मल जहाँ तलाश ये, है आरज़ू कि फिरते मारे हैं। * न आब है तलाश दाने की,ये आदमी तो बेसहारा है। ज़ख्म सिले न ख़रोंच देता जो, कहें भी कैसे वो हमारा है। ज़ुनून ले कर चला है,नज़र फ़लक पे,तोड़ना […]

भारतीय संविधान दिवस पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर संविधान की रक्षा करते हुए महाराष्ट्र में सत्ता के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त रोकने के लिए 27 नवम्बर को शाम पांच बजे विधानसभा में प्रिटेम स्पीकर से ही विधायकों की शपथ कराकर फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश दिये है […]

हां हां मैं पागल हूँ क्योंकि मैंने डा केशव बलिराम हेडगेवार जी द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व राष्ट्रीय कैडिट कोर से राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा पाकर राष्ट्रभक्त बना हूँ मैंने बाल्यावस्था से राष्ट्रभक्ति के गीत जाकर देखो हल्दीघाटी हुई रक्त से लाल इत्यादि गाए हैं मैंने छत्रपति शिवाजी झांसी की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।