दीपावली का समय था । यह तय हुआ कि निहाल को बुलाकर उससे बिजली की सारी बंद लाइट बदलवा दी जाए तथा और भी बिजली के जो छोटे-मोटे काम बचे हैं, वह करवा कर घर के बाहर की झालर लाइट भी लगवा ली जाए। वैसे तो बिजली मैकेनिक को बुलाना […]
साथ तू हो तो लगती है , आसां डगर ऐ मेरे हमसफर , ऐ मेरे हमसफर तेरे साए में सताए न, कोई भी डर ऐ मेरे हमसफर , ऐ मेरे हमसफर ऐसा लगता है जो खो गई थी कभी तेरे होने से चीजें सभी मिल गईं हर घड़ी मुझसे रुठी […]
गलती अगर किसी से हो एहसास कराओ उसको तुम आलोचना उसकी करना नही सिर्फ सुधार कराओ उसमे तुम गलती किसी से भी हो सकती है यह स्मरण हमें रखना होगा गलती करके जो फिर ना करे उसका वंदन हमें करना होगा स्वयं से भी कोई गलती हुई हो स्वीकार करने […]
स्वार्थपरायण होते आयोजक संग प्रचारप्रिय प्रायोजक भव्य मंच हो या कोई कक्ष उपस्थित होते सभी चक्ष सम्मुख रखकर अणुभाष करते केवल द्विअर्थी संभाष करता आरंभ उत्साही उद्घोषक समापन हेतु होता परितोषक करते केवल शब्दों का शोर चाहे वृद्ध हो या हो किशोर काव्य जिसकी प्रज्ञा से परे होता आनन्दित दिखते […]
वो मेरे हिस्सों में .. बेशक़ मिला मुझे किश्तों में .. मेरे हिस्सों में रहे तू… ख़ून-ए-रवानगी बन कर मुझे ख़ुदा से पहले सिर्फ़ तू चाहिए तेरा ज़िक्र तेरा फिक्र चाहिए मिल चाहे मुझे किश्तों में ही बस… तेरा अहसास तेरा आभास चाहिए.. वो मेरे हिस्सों में .. बेशक़ मिला […]
जीवन चुनौतियों से रहित हो, यह जरूरी तो नहीं.. जीवन में सब कुछ ठीक हो, यह जरूरी तो नहीं.. तेरे हिस्से में हो बेशक खुशियां बेशुमार, कोई गिला नहीं.. मेरे हिस्से हो महज़ गमों का पहाड़, जरुरी तो नहीं.. ये मौत का आंगन है, जिसमें जिंदगी की परीक्षा.. आसान हो […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।