मां के कदमो में जन्नत है पूरी होती सब मन्नत है घर ,घर नही स्वर्ग सा होता मां की छांव में चैन से सोता सौभाग्य उनका जिनकी मां है बिन मां अनाथ ही होता मां है तो मंदिर की जरुरत नही प्रभु मूरत की जरुरत नही मां के रूप में […]
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(महावीर जयंती पर विशेष) सत्यअहिंसा ब्रह्मचर्य,अस्तेय अपरिग्राह। पाँच व्रतों को मानिये,जैन धरम के राह।। जयजयजयजयतरुणासागर। सच्चाई को किया उजागर। ।1 ऋषभदेव आदि तीर्थंकर। जैन दिगंबर अरु श्वेताम्बर।।2 पार्श्वनाथ से तुम अवतारी। महावीर से सत्य विचारी।।4 तेरा पंथी तारण पंथी। झुल्लकऐलकअरु निर्ग्रन्थी।।3 छब्बीस जून सरसठ आना। मध्यप्रदेश गुहूची ग्रामा। ।5 प्रताप […]
