मेरा प्यार आज़ मुझे गुनाह लगने लगा है… ..पाक दामन पे जैसे कोई दाग़ लगने लगा है… बरसों से इक इबादत करते आए थे पलकों की ठहरी बूँदों से चाहत लिखते आए थे गरूर था मेरी चाहतों पे सरूर भरा था निगाहों में.. किसी कों चाहना आज़ मुझे सज़ा लगने […]

हे प्रभु ! करुणा करन,करुणा अब कीजिये | हो गये है बहुत दिन,कोरोना से मुक्त कीजिये || हो गयी हो कोई त्रुटि,जाने या अनजाने में | भक्त है हम तुम्हारे,क्षमा अब कर दीजिये || हे प्रभु ! संकट मोचन और संकट मत दीजिये | संकटों से घिरा है विश्व,उसे अब […]

परेशानी में खोया हुआ सड़कों में सोया हुआ जात-धर्म भूला हुआ भुखमरी में झूला हुआ पथराई आँख करती इंतज़ार सुकड़ी आँत करती गुहार व्यथित शरीर अकिंचन दरिद्र खाली बैठा है हुआ बेरोजगार वो कैसे खाए खाना कहाँ से आए मन में उमड़ रहे बार बार सवाल कोई आके मुझसे पूछे […]

नौवां विश्व हिन्दी सम्मेलन, जो 22 सितंबर से 24 सितंबर 2012 तक दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहांसबर्ग में आयोजित हुआ था। वहाँ दूसरे दिन किसी सत्र की समाप्ति पर मैंने देखा कि सभागार के बाहर एक व्यक्ति कुछ पर्चे बांट रहा है। साथ ही वे कुछ लोगों के साथ चर्चा […]

डीएम ऑफिस से आने के बाद से ही दीपमाला बहुत दुखी और परेशान थी। वह आईने के सामने खड़ी होकर अपने ढलते यौवन और मुरझाए सौंदर्य को देखकर बेतहाशा रोए जा रही थी। ऐसा लग रहा था मानो वह आईने से कह रही हो कि तुम भी लोगों की तरह […]

मैडम कोरोना जिसका रोना सारा विश्व रो रहा है, देश-विदेश में अपने तूफानी जलवे बिखेर कर भारत में पिछले तीन-चार महीनों से डेरा डाले हुए है और भरपूर कोशिश में है कि यहाँ पर भी उसका जलावा चले, उसका साम्राज्य कायम हो, लेकिन भारत सरकार द्वारा उसे हर तरह की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।