आँखों में आँसुओं की धार देखते हैं आदमी को बेबस , लाचार देखतें हैं कैद होकर रह गया चारदीवारी में उजड़ा हुआ अब तो बाजार देखते हैं कैसा है कुदरत का कहर देखो यारों बन्द पड़ा सारा कारोबार देखते हैं वीरान है गांव शहर और जहां सारा उजड़ी बस्ती खोई […]
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इन्दौर। मातृभाषा.कॉम व हिन्दीग्राम द्वारा लॉक डाउन 2.0 का सदुपयोग करते हुए समूह में सम्मिलित सभी सदस्यों के बीच डिजिटल पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जिसका संयोजन भावना शर्मा और अंजलि वैद ने किया। इस प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रतिभागियों को एक चिट्ठी प्रधानमंत्री के नाम लिखना अनिवार्य था, जिसमें उन्होंने […]
