मत कर तन का घमंड ये तन तो नश्वर है हंसखेल कर पूरी करले जीवन यात्रा इस तन को एक दिन मिट्टी में मिल जाना है | मत भटक दर-दर मिलना और बिछुड़ना सृष्टि का यही नियम है | आत्मा सुखमय तो सारा जग सुखमय सुख-दु:ख दिन रात का खेल […]

आज की लड़ाई अनूठी है न तीर की, न तलवार की गोला बारूद की जरुरत नही जरुरत है बस प्यार की घर पर रहकर लड़नी है जरूरत नही है बाहर की साफ सफाई हथियार इसके दूर से ही करो नमस्कार जी इस लड़ाई में नुकसान इतना आमदनी ठप्प व्यापार भी […]

प्यार दिल से करो, तो इसे महसूस करो। दिल की गैरहराई में, उतर के तुम देखो। तेरे दिल में मेरे लिए क्या चल रहा..। कसम उस खुदा की, सच कहता हूँ मैं। तुम्हारे दिल से ही, आवाज़ आ जाएगी।। दिल मेरा आज, बहुत उदास है। तुमको देखने की, आज बहुत […]

कोरोना बढ़ता ही जा रहा, रक्तबीज–जैसा देखो। प्रभु ने सबको समय दिया है , भरसक लाभ उठाओ तो।। जीवन की आपाधापी में सब, भूल गये थे अपनों को। अब पूरा परिवार साथ मिल, आपस में प्यार लुटाओ तो।। धर्म,कर्म,पूजन–अर्चन सब , छोड़छाड़ कर बैठे थे । पैसों के ख़ातिर लेकिन […]

लॉक डाउन के नाम पर सरकार ही कर रही भेदभाव मजदूरों को मिली लाठियां धनाढय छात्रों को पुलाव एक एक कमरे में रह रहे जहां पंद्रह बीस मजदूर उनके खाने को रोटी नही घर भी उनका अतिदूर उनकी करुण पुकार का नही हुआ कोई प्रभाव घर जाने को सड़को पर […]

चिड़िया और पेड़ की दोस्ती थी। “चिड़िया, चिड़िया .. बड़ी चहक रही हो ? कहाँ उड़ती रहती हो आजकल !” पेड़ ने उत्सुकता के साथ पूछा। “आजकल गाँव तो गाँव शहर भी शांत हैं, न धुआँ है, न शोरगुल। दाना-पानी भी खूब मिल रहा है” पेड़ से चिड़िया बोली। “वो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।