यह,मन प्यासा,पंछी मेरा नील गगन उड़ करे बसेरा । पल मे देश विदेशों विचरण, कभी रुष्ट,पल मे अभिनंदन, प्यासा पंछी, उड़ता मन।। पल में अवध,परिक्रम करता, सरयू जल अंजुलि में भरता। पल में चित्र कूट जा पहुँचे, अनुसुइया के आश्रम पावन, प्यासा पंछी, उड़ता मन।। पल में शबरी आश्रम जाए, […]
