निगाहें बहुत कातिल है, किसी को क्या मरोगी। और इल्जाम इसका तुम, न जाने किस पर डालोगी। जबकि कातिल तुम खुद हो, क्या तुम अपने को पहचानोगे। और कातिल निगाहों से, कितनो को और मरोगी।। तेरा यौवन बहुत सुंदर है, जो सब को लुभाता है। देख तेरे होठो की लाली, […]
लॉक डाउन में काम बंद है बारोजगार का रोजगार बन्द है बिना आमदनी घर बैठा है पर पहले से ज्यादा खाता है काम नही, इसलिए खाली है हालत हो गई उसकी माली है कम बजट ग्रहणी पर भारी फ़रमाइश बहुत, जेब है खाली ग्रहणी की डियूटी डबल हो गई रसोई […]
पिजरे की जिन्दगी कभी आबाद नहीं होती सपनो में दिखी मंजिल जायदाद नहीं होती कहा सुनी तो चली रहती है इस सफ़र में हर बात पर अक्सर यूँ विवाद नहीं होती चुंधिया जाती है ये आँखे तेज़ रोशनी में चमकने वाली वाली चीज़ चाँद नहीं होती अपना जान कर मांग […]
बहर :- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फायलुन 2122 2122 212 रदीफ़ :-सीखिए काफ़िया :-आना अपने अश्क़ो को छिपाना सीखिए गर्दिशों से दिल लगाना सीखिए।। है बहुत दिल को दुखाने के लिए शहर भर को आज़माना सीखिए।। ज़िन्दगी उलझन में ही उलझी रही हाथ सबसे ही मिलाना सीखिए।। हो गया कमज़र्फ दिल सबका […]
आज सुबह जितेश का फ़ोन आया; हिमांशु ने फ़ोन रिसीव किया बोला: हेल्लो, क्या हालचाल जितेश, कैसे हो ? जितेश बोला; क्या भाई तबियत खराब है ? “भाई जितेश तुम अब बार-बार बिमार कैसे हो जाते हो ?” हिमांशु ने पूछा ! “भाई याद है मुझे आज भी वह दिन […]
दाल-रोटी मिले सबको पेट भर हो ठिकाना, हो छत सिर पर बच्चा न कोई भूख से तड़पे कोई किसी का न हक हड़पे साथ देना हमारी जिम्मेदारी हो बूढ़ों की अच्छी तीमारदारी हो यह महामारी ले असुर आकार रही इंसानियत तुम्हें पुकार रही….. तालाबंदी में देश बन्द, बाज़ार बन्द रोज़गार […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।