हम मजदूर हैं मेहनत करना हमारा काम, आस इतनी ही श्रम का मिल जाये वाजिब दाम। हाथों के छालों से नये निर्माण हो पाते, रोज लाते बमुश्किल आटा-दाल वही खाते। जन्मी सन्ततियां धूल में बड़ी होती रहती, कुछ साल में मजबूरी मजदूर बनने को कहती। सुबह कांदा रोटी खाकर शाम […]

122 122 122 ख़ुदा की यूँ कुदरत लिखेंगे उन्हीं की इबारत लिखेंगे वही दो जहानों का रहबर उन्हीं की इनायत लिखेंगे मुहब्बत के शायर है हम भी क़लम से मुहब्बत लिखेंगे मिटेंगी तुम्हारी यूँ मुश्क़िल ख़ुदा को हक़ीक़त लिखेंगे नज़र चार तुमसे हुई है तुम्हारी शरारत लिखेंगे सभी माँ को […]

कोरोना ने लील लिए जितने भी थे मजदूर बिना मजदूरी रहने को हो गए बेचारे मजबूर लॉक डाउन का डंडा पड़ता है उनपर भारी बन्द कमरे में खाये क्या बाहर न निकलना लाचारी हर मजदूर बना हुआ है हालात के आगे विवश मजदूर को याद भी नही आज है मजदूर […]

गुजरात के गांधी नगर राजधानी में जहा विश्व का सबसे प्रख्यात गांधी मंदिर स्थित है और जिस प्रदेश के राष्ट्र पति महात्मा गांधी जी विश्व में सम्मानित हे उनके जीवन पर आधारित कवि सम्मेलन गुजरात के स्थापना दिवस पर गुजराती भाषा मे कवि सम्मेलन दिनाँक 1 मई को दो बजे […]

प्रत्येक दिन किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही थी। पिछले दस दिनों में पंद्रह लोगों की जानें जा चुकी थीं। पूरे गांव में दहशत का माहौल था। “कोई नहीं बचेगा इस गांव में। अगले महीने तक सब मर जाएंगे। इस गांव को उस फ़क़ीर की बद्दुआ लग गई है, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।