मुझमे अकेलापन नही यह एकांतवास है प्रभु की नियामत का यह विशेष वास है समयाभाव का बहाना अब बना नही सकते स्वयं को स्वयं से दूर कर अब रह नही सकते जो मिला है समय उसे सार्थक बना लो जब घर मे रह रहे हो घर को मंदिर बना लो […]

भारत कैसे बनेगा आत्मनिर्भर इस विषय पर साहित्यकारों ने रखे अपने विचारइन्दौर । कोरोना से जूझते वैश्विक परिदृश्य में भारत में भी लॉकडाउन 3.0 जारी है, और इसी दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही। इसी ध्येय को लक्ष्य […]

नई दिल्ली। बिहार में हिन्दुओं पर बढ़ते जिहादी हमलों से क्षुब्ध विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने राज्य सरकार से मांग की है कि हिन्दुओं की सुरक्षा, उनकी शिकायतों पर कार्यवाही तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में बांग्लादेशी व रोहिंग्याई घुसपैठियों की देश विरोधी गतिविधियों पर अबिलम्ब अंकुश लगाया जाए। विहिप के केन्द्रीय महा सचिव […]

वो मोहब्बत कुछ इस तरह निभा गये हमसे। अपने सारे दर्द दिलमें छुपा गये हमसे। मिलते रहे दिलसे हंसते हुये हमसे। भनक ही नही लगी की वो जीते है दुसरो के लिए।। माना कि मोहब्बत हम बेपनाह करते है। पर वो सारे जमाने से मोहब्बत बेपनाह करते है। किस किस […]

भारत में संस्कारों का सूर्य इसीलिए अस्त नहीं होता क्योंकि हम अपनी परम्परा को बार-बार दौहराते है और अनुसरण में भी लाते है। हम सिर्फ अपने लिए काम नहीं करते है। हम सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं कमाते है। हम सिर्फ अपनी जाति या धर्म के लिए दान नहीं […]

संकट में है वसुधा आपदा है यह भारी मानव धर्म सेवा पथ है मत करो कालाबाजारी संकट में ही परीक्षा होती क्यों पशुवत हो जाते हो मारके हक गरीबों का कैसा धर्म निभाते हो न रुपया न पैसा भैया धैर्य धरम ही आचार है राष्ट्रधर्म को ताक रखे जो वह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।