मातृभाषा उन्नयन संस्थान हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कटिबंध संस्था है l यह नए रचनाकारों को निशुल्क पहचान देने का काम कर रही है l वैसे रचनाकार जो बहुत अच्छा लेखन का कार्य कर रहें हैं तथा जिनमें सृजन करने की अद्भुत क्षमता मौजूद है, उनकी रचनाओं को निशुल्क […]

मधुर मिलन का ये महीना। कहते जिसे सावन का महीना। प्रीत प्यार का ये महीना, कहते जिसे सावन का महीना। नई नबेली दुल्हन को, प्रीत बढ़ाता ये महीना।। ख्वाबो में डूबी रहती है, दिन रात सताती याद उन्हें। होती रिमझिम रिमझिम वारिश जब भी, दिल में उठती तरंगे अनेक। पिया […]

जो बीत गई उसकी क्या बात करें . लेकिन जो बीत रही है उसे अनदेखा भी कैसे और कब तक करें . ऐसा डरा – सहमा सावन जीवन में पहली बार देखा . लोग पूछते हैं …क्या कोरोना काल में इस बार रक्षा बंधन और गणेशोत्सव भी फीके ही रह […]

चिड़ियों की चूँ-चूँ, चीं-चीं कहती सदा रहो तुम गाते – मुस्काते पल-पल करो सदा सद उपयोग श्रम करने वाले कभी नहीं पछताते | चींटी रानी करती रहती काम मूल्य समय का वो जानती, मन में भरकर अटल विश्वास निरन्तर आगे ही आगे बढ़ती | बाजी तुम भी जीत जाओगे आलस […]

ख़ुशियों का उजाला ज़रूर होगा बेबसी की ये रात बीत जाएगी कट जाएगा सफ़र संघर्ष का एक दिन मंज़िल मिल जाएगी खो गया है जो राह-ए-सफ़र में उससे भी मुलाक़ात हो जाएगी सूखी पड़ी दिल की ज़मीन पर एक दिन बरसात हो जाएगी नामुमकिन सी लग रही है जो वो […]

बनकर नन्ना सिपाही, मैं देश के काम आऊँगा। दादा जी,मेरे प्यारे दादा जी मैं सीमा पर लड़ने जाऊँगा।। दुश्मन मचा रहा आतंक, मैं भी उनसे लड़ जाऊँगा। पापा लड़ते है सीमा पर, मैं उनका साथ निभाऊँगा।। हैं पास मेरे छोटी बंदूक मेरी, मैं दुश्मन पर उसे चलाऊँगा। साथ है मेरे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।