जाने वाला चला गया, अब उसका इंतजार क्यों। उड़ गए पिंजरे से जो परिंदे, उनसे अब भी इतना प्यार क्यों।। रोशनी की चाहत की तूने, लेकिन घनघोर अंधेरा छा गया। अँधकार को जीवन क्यों ना बनाता, बता तुझे उजाले से इतना प्यार क्यों।। सूखे फूलो को किताबो में सजाता, मुरझाए […]

सदियों से ही अपनी मंजिल की तलाश में हूँ दलितों,पीड़ितों और शोषित के लिबास में हूँ । ज़िक्र मेरी भला कोई करे क्योंकर ग्रंथो में कहाँ नज़रो के ,सूर,तुलसी या कालिदास में हूँ। हर दौर दगा दे गई दिलासा दिला कर मुझे बस ज़रुरत के मुताबिक मैं उनके पास में […]

हमें जान से प्यारी है हिन्दी भाषा हिंदू राष्ट्र का सम्मान है ,हिन्दी भाषा भारतभूमि का गुणगान है, हिन्दी भाषा ।। **विश्व पटल पर लहराती शान है ,हिन्दी भाषा। अंग्रेजों को मातृभूमि से खदेड़ने का अभिमान है, हिंदी भाषा।। ** संकल्प एक,भारत एक,के साथ अखंड भारत की मान है, हिन्दी […]

कई प्रदेश हैं देश में हमारे। गुंथे हार में सुरभित सुमन प्यारे। विविध रूप-रंग, भाषा निराली , भारत के अंग हैं कितने सारे ।। विभिन्न वेश-भूषा, मधुर बोलियां। अनेकता में एकता की टोलियां। मातृभूमि, कर्मभूमी सब यही , हम भरें खुशियों से सबकी झोलियां। देश में हो शांति और अखंडता। […]

हिन्दू धर्म मे श्राद्ध पक्ष पितृ नमन की शुभ घड़ी जीवितो का हो सम्मान सेवा यही सबसे बड़ी जीते जी की सेवा करे जो भाग्य उदय अपना करे वो दुआओ से झोली भर जाती फिर परेशानी कभी न आती खुशी खुशी वे दुनिया से जाते पितृ लोक से आशीष भिजवाते […]

सारी भारतीय भाषाएं अपने जीवन के सबसे गंभीर संकट के मुहाने पर खड़ी हैं। यह संकट अस्तित्व का है, महत्व का है, भविष्य का है। कुछ दर्जन या सौ लोगों द्वारा बोली जाने वाली छोटी आदिवासी भाषाओं से लेकर 45-50 करोड़ भारतीयों की विराट भाषा हिंदी तक इस संकट के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।