ध्वस्त हुई न्याय व्यवस्था , ध्वस्त हुए सारे कानून हैं। न्याय मिलेगा कैसे बताओ, जब जिम्मेदार ही मौन हैं। बड़ी उम्मीद लगाकर कोई, न्याय के मंदिर में जाता है। दिल पर पत्थर रख कर वो, अपनी व्यथा सुनाता है। अपने दुखड़े रोता है याची , हाथ जोड मिन्नतें करता है। […]
