इंदौर। अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, युनाइटेड ऑर्गनाइजेशन, चेक गणराज्य एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के साझा प्रयासों से विश्व मानव अधिकार दिवस (10 दिसम्बर, 2020) के उपलक्ष्य में साहित्य-सेवियों की कविताओं को संरक्षित कर ‘मानव अधिकार संरक्षण परिशिष्ट’ तैयार किया गया। मातृभाषा.कॉम से जुड़े देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने […]

अप्रेल की भीषण गर्मी में चारों मरघट सी निस्तब्धता छाई थी । सड़के सूनीं थी जो आमतौर हुआ नहीं करती ं शहर की सड़कें बार महिनों और चैबीसों घंटों गुलजार रहती हैं। उसको गुलजार करने वालों की संख्या कम या ज्यादा हो सकती हैं परंतु सड़कों से कोई गुजरे ही […]

मैं चिड़ियों के गीत सुनूँगा मैं चिड़ियों के गुण गुनूँगा चहक-चहक कर उनका उड़ना भिन्न-भिन्न ध्वनि में उनका कहना मैं सब सीखूँगा … सवेरे-सवेरे पूरब की लाली देखूँगा बाग-बगीचों में तितलियों के पर गिनूँगा पत्तों पर बिखरीं चाँदी सी ओस की बूँदें जाग उठीं कोमल कलियाँ जो थी आँखें मूँदें […]

दाता सिर्फ एक है कर लो उसको याद परमपिता वह सबका करता सबका ख्याल जितना उसको याद करोगे उतना ही सुख पाओगे भूल गए अगर दाता को फिर बहुत पछताओगे रंक को राजा बनाने मे वह देर नही करता राजा को रंक बनाने मे भी वह देर नही करता ।#श्रीगोपाल […]

भारत के एक मात्र गवर्नर जनरल, मद्रास राज्य के मुख्यमंत्री, प.बंगाल के प्रथम राज्यपाल, भारत के गृहमंत्री, प्रतिष्ठित वकील, लेखक और भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सर्वप्रथम सम्मानित चक्रवर्ती राजगोपालाचारी( 10.12.1878- 25.12.1972) द्वारा दक्षिण में हिन्दी की प्रतिष्ठा के लिए किए गए ऐतिहासिक कार्य सदा स्मरण किए […]

दिल्ली। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक और कवि मंगलेश डबराल का बुधवार 9 दिसंबर 2020 को निधन हो गया है। कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। गाजियाबाद के वसुंधरा के एक निजी अस्‍पताल में उनका इलाज चल रहा था। मंगलेश डबराल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।